Tulsi Niyam: तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, कहीं आप भी तो नहीं कर रहें यह गलतियां

Tulsi Niyam: शास्त्रों में तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ विशेष नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। आइए जानते हैं तुलसी के इन नियमों के बारे में।;

By :  Desk
Update:2024-09-19 19:53 IST
तुलसी का पौधा लगाने में की जाने वाली गलतियां।Tulsi Plantation tips
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Tulsi Niyam: (आकांक्षा तिवारी) हिंदू धर्म और शास्त्रों में तुलसी का विशेष स्थान माना जाता है, इतना ही नहीं। कहा जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। इसलिए जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, उस घर पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी की नियमित पूजा करनी चाहिए, इससे घर बुरी नजर से बचा रहता है। घर की लक्ष्मी की तरह तुलसी के पौधे का भी सम्मान करना चाहिए। बता दें कि, तुलसी के पौधे 5 प्रकार के होते हैं। इनमें श्याम तुलसी, राम तुलसी, विष्णु तुलसी, नींबू तुलसी और वन तुलसी शामिल है। शास्त्रों में तुलसी के पौधे से जुड़े कुछ विशेष नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। आइए जानते हैं तुलसी के इन नियमों के बारे में।

तुलसी का पत्ता तोड़ने के नियम 
ऐसा नहीं है कि आप किसी भी समय और किसी भी दिन जाकर तुलसी का पत्ता तोड़ सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार तुलसी भी लक्ष्मी का ही एक रूप है, इतना ही नहीं तुलसी को राधा का अवतार भी माना जाता है।  घर में तुलसी रखने के भी विशेष नियम होते हैं।

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वायु पुराण में कहा गया है कि बिना स्नान किए तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। जो व्यक्ति बिना स्नान किए तुलसी की पूजा करता है, वह दोषी माना जाता है। इतना ही नहीं उनकी पूजा भी निष्फल मानी जाती है। कहा जाता है कि शाम के समय तुलसी को नहीं छूना चाहिए और न ही उसके पत्ते तोड़ने चाहिए। 

औषधि के भी काम आता है पत्ता
सबसे पहला नियम है कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। सूर्योदय के बाद स्नान करके साफ हाथों से ही तुलसी के पौधे को छूना चाहिए। रविवार, शुक्रवार, अमावस्या, चौदस तिथि, ग्रहण और द्वादशी के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। इसके साथ ही बिना किसी विशेष कार्य के तुलसी का पत्ता ना तोड़ें। तुलसी का पत्ता कभी भी नाखून से नहीं तोड़ना चाहिए। तुलसी के पौधे से गिरे पत्तों का उपयोग औषधि और अन्य धार्मिक कार्यों में करना चाहिए। अगर आप इस तरह से तुलसी के पत्तों का उपयोग नहीं कर सकते हैं तो, उन्हें मिट्टी में दबा देना चाहिए।

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