(रुचि राजपूत)

Mahashivratri 2024 Upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव की सच्चे हृदय से पूजा-अर्चना करता है, उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है, और उसके जीवन में आ रही सभी प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं से छुटकारा मिलता है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन कीए जाने वाले कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनको करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वे कौन-से उपाय हैं आइए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से।

1. परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए उपाय
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार परेशानियां आ रही हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिर में जाकर जहां बेल पत्र का पेड़ लगा हो, उसके नीचे बैठ जाएं और किसी कंकड़ को भगवान शिव मानकर उसकी विधिवत पूजा अर्चना करें। भगवान शिव को चावल और मूंग का दाना अर्पित करें, साथ ही एक लोटा जल भी चढ़ाएं और भगवान शिव से अपनी परेशानियों के बारे में बताएं। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहेगी और आपकी समस्याएं जल्द ही समाप्त हो जाएंगी।

2. भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उपाय 
बिल्वपत्र भगवान शिव को बेहद प्रिय है। बेल पत्र के पेड़ के नीचे शिवलिंग रखें और विधि विधान के साथ ही उसकी पूजा अर्चना करें। मान्यताओं के अनुसार बिल्वपत्र के पेड़ में भगवान शिव का वास होता है। ऐसा करने से ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में आ रहे संकटों से छुटकारा मिलता है।

3. नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति के लिए
धार्मिक मान्यताएं हैं कि बेल पत्र की जड़ों में मां गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, शाखाओं में मां दक्षायनी, पत्तियों में मां पार्वती और फूलों में मां गौरी का वास होता है। ऐसे में अपने घर के बाहर बेलपत्र का पेड़ लगाने से बुरी शक्तियों का असर दूर हो जाता है। साथ ही घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती। यदि आप अपने घर में बेल पत्र लगाने जा रहे हैं, तो इसे हमेशा घर की उत्तर पश्चिम दिशा में ही लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है, और परिवार के सदस्य ऊर्जावान बने रहते हैं। बेल पत्र का पेड़ घर में लगाने से चंद्रमा के दोषों से भी मुक्ति प्राप्त होती है।