Makar sankranti 2025: 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पावन पर्व पूरे भारतवर्ष में मनाया जाएगा। सनातन धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है। जब ग्रहण के राजा सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब मकर संक्रांति का पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव अपनी दिशा भी बदल कर दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। बता रहे हैं प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित

मकर संक्रांति का त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्यों में इसे मकर संक्रांति और खिचड़ी के पर्व के रूप में मनाते हैं। तमिलनाडु में इस पर्व को पोंगल नाम से मनाते हैं। इस दिन नई धान की फसल से चावल पकाए जाते हैं और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है यह तमिलनाडु का चार दिनों का पर्व है।

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मकर संक्रांति के पर्व को पंजाब और हरियाणा राज्य में लोहड़ी पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दिन से फसल की कटाई शुरू करने का कार्य करते हैं। महाराष्ट्र में इस पर्व को तिलगुल के नाम से मनाते हैं।

एक साथ बन रहे कई योग
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति की पर्व पर जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेंगे तब ज्योतिष दृष्टि से विष्कुंभ योग और पुनर्वसु नक्षत्र का सहयोग बन रहा है। साथ ही मिथुन राशि में देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव की युति से गज लक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। मकर संक्रांति के पर्व पर सुबह 10:18 के बाद से पुनर्वसु के बाद पुष्य नक्षत्र लगेगा। ऋग्वेद में पुष्य नक्षत्र को बहुत शुभ और सुख समृद्धि देने वाला माना गया है। 

यह करें उपाय (Makar sankranti 2025) 
सभी 12 राशियों के जातक इस दिन यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान के पश्चात तिल, गुड़, उड़द, धान, खिचड़ी, देसी घी, नमक आदि का दान करें।