Matru Navami Shraddh 2024: वैसे तो पितृपक्ष की तिथि का विशेष महत्व है, लेकिन अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी या मातृ श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार मातृ नवमी 26 सितंबर दिन गुरुवार को किया जाएगा।

ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन माताओं, महिलाओं, मृत बेटियों का श्राद्ध करना बेहद शुभ माना गया है। तो आज इस खबर में जानेंगे आखिर क्यों मातृ नवमी पर महिला पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है। साथ ही बताएंगे इस दिन का क्या महत्व है। मान्यता है कि मातृ नवमी पर उन माताओं का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि भी मालूम नहीं होता है।

शास्त्रों के अनुसार, मातृ नवमी पर घर की पुत्र वधुओं को व्रत रखना चाहिए, क्योंकि इस श्राद्ध तिथि को सौभाग्यवती श्राद्ध कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मातृ नवमी के दिन श्राद्ध करने से धन, सुख, शांति, ऐश्वर्य और संपत्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही, भाग्य का साथ भी मिलता है।

मातृ नवमी के दिन करें ये काम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मातृ नवमी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराना अति शुभ माना गया है। साथ ही, इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को भी भोजन करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने से मातृ शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।

मातृ श्राद्ध में घर की महिलाएं स्वच्छ वस्त्र पहनकर घर के बाहर रंगोली बनानी चाहिए। शास्त्र के अनुसार, घर के दक्षिण दिशा में पितरों की पूजा करें और तुलसी की पत्तियां भी अर्पित करें। आटे का दीपक बनाकर तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।