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बहुत से लोग अपने घरों में मूर्ति की स्थापना करते हैं। अगर आप भी अपने घर में मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो सबसे पहले वास्तु का अच्छी तरह से ध्यान रखें। मूर्ति स्थापना हमेशा वास्तु के अनुसार होनी चाहिए।

(कीर्ति राजपूत)

Murti Puja Rules : मंदिर के अलावा बहुत से लोग घर में भी मूर्ति की स्थापना करते हैं। जो लोग अपने घर में मंदिर का निर्माण या फिर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करते हैं उन्हें कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के हिसाब से अगर आपके घर का मंदिर या फिर मूर्ति सही स्थान पर स्थापित नहीं है तो आपको इसके फायदे मिलने की जगह नुकसान हो सकता है। किस मूर्ति को कौन सी दिशा में रखना चाहिए, इसकी जानकारी भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने दी है। आइए जानते हैं कि पूजा घर में मूर्ति की स्थापना कैसे करनी चाहिए और मूर्ति के साइज के साथ-साथ वास्तु से जुड़ी कुछ अहम बातें।

किस साइज की हो मूर्ति
वास्तु शास्त्र में पूजा के कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों के अनुसार, घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति की ऊंचाई एक अंगुल से 12 अंगुल तक होनी चाहिए। घर में बड़ी मूर्ति की स्थापना के नियम जटिल हैं। अगर आप इन्हें पूरा नहीं करते हैं तो आपके लिए नुकसान दायक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि 12 अंगुल तक की मूर्ति ही रखें।

दिशा का रखें विशेष ध्यान
पूजा घर में विष्णु, ब्रह्मा, महेश, सूर्य, इंद्र जैसे देवतों की मूर्ति की ही स्थापना करनी चाहिए। मूर्ति स्थापना के समय देवताओं का मुख हमेशा पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए। इससे पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। 

शिवलिंग को रखें इस दिशा में
अगर आप अपने घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं तो यह हमेशा छोटी मूर्ति ही रखें। शिवलिंग को अपने पूजा घर के उत्तर दिशा में रखें। 

इस दिशा में हों ये भगवान
अगर आप अपने घर में मां दुर्गा और गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो उसे उत्तर दिशा में स्थापित करें। उनका मुख हमेशा दक्षिण दिशा में रहना चाहिए। हनुमान जी की मूर्ति उत्तर पूर्व दिशा में रखनी चाहिए। घर में खंडित मूर्ति नहीं रखना चाहिए।

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