Navratri Kalash Sthapna 2024: आज 3 अक्टूबर गुरुवार से शारदीय नवरात्रा आरंभ हो चुके है। पहले नवरात्रा यानी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू घरों के पंडालों व मंदिरों में कलश या घट स्थापना की जाती है। घटस्थापना को लेकर कई लोगों में मन में एक सवाल उठता है कि, कलश स्थापना के समय कौन-सा मंत्र बोले और कलश में क्या डाले। अगर आप इनका जवाब चाहते है तो हमारा यह लेख अंत तक अवश्य पढ़े।
कलश स्थापना करने का मंत्र
(Kalash Sthapna Mantra)
नवरात्रि में कलश स्थापना उत्तर व उत्तर पूर्व दिशा में करें। इसकी स्थापना से पहले कलश पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके पश्चात कलश के गले पर मौली लपेटें। अब जिस जगह पर कलश रखेंगे, उस जगह को दाएं हाथ से स्पर्श करें और माथे पर लगाएं। अब कलश स्थापना करें और साथ में " ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः " मंत्र का जाप करें।
नवरात्रि घटस्थापना टाइमिंग
(Navratri Kalash Sthapna Timing)
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार को सुबह 6 बजे से कलश स्थापना का शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रारंभ होगा।
नवरात्रि के कलश में क्या डाला जाता है?
(Navratri Ke Kalash me Kya Dale)
गंगाजल से भरा कलश ही नवरात्रि पूजन में रखें। इसमें सुपारी, सिक्के, अक्षत डालें। साथ ही कलश में पांच आम के पत्ते रखें और कलश के ऊपर एक नारियल रखें। ध्यान रहें नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर और उस पर कलावा बांधकर ही रखें।
नवरात्रि के बाद कलश के पानी का क्या करें?
(Navratri Ke Baad Kalash Ke Pani Ka Kya Kare)
नवरात्रि के बाद कलश विसर्जन के समय उसके जल को पूरे घर में छिड़के। मान्यता है कि, ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।