Neem Karoli Baba: कैंची धाम कब जाना चाहिए? जानें नीम करोली बाबा के आश्रम जाने का तरीका

Neem Karoli Baba Ke Kainchi Dham Aashram Jane Ka Sahi Samay or Tarika
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बाबा नीम करोली को महज 17 साल की उम्र में परम ज्ञान की प्राप्ति हो चुकी थी।
20वीं सदी के महान संत और आधात्मिक गुरु नीम करोली बाबा की ख्याति विश्वभर में फैली हुई है। उत्तराखंड के नैनीताल में उनका आश्रम है, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है।

Neem Karoli Baba Kab Jana Chahiye: 20वीं सदी के महान संत और आधात्मिक गुरु नीम करोली बाबा की ख्याति विश्वभर में फैली हुई है। उत्तराखंड के नैनीताल में उनका आश्रम है, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि, बाबा नीम करोली को महज 17 साल की उम्र में परम ज्ञान की प्राप्ति हो चुकी थी। कई सिद्धियों के स्वामी कहे जाने वाले बाबा नीम अपने सुविचारों और चमत्कारों की वजह से लोगों की आस्था का विषय पहले भी थे और आज भी है। यही कारण है कि, उनके अनुयायी उनके कैंची धाम पहुँचते है। इसके लिए सही समय कब होता है? जानते है इस बारे में-

कैंची धाम कब जाना चाहिए?
(Kainchi Dham Kab Jana Chahiye)

नीम करोली बाबा के आश्रम कैंची धाम जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच का रहता है। दरअसल, यह समय मौसम काफी अच्छा रहता है और यात्रियों को किसी तरह की समस्या नहीं होती है। मानसून के समय में यहां भूस्खलन से आपको यात्रा में परेशानी हो सकती है।

नीम करोली बाबा के आश्रम जाने का तरीका
(Neem Karoli Baba Aashram Jane Ka Tarika)

आप अपने शहर से सीधे नैनीताल के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसके बाद यहां से टैक्सी लेकर 'कैंची धाम' आसानी से पहुंच सकेंगे। हालांकि, आप कश्मीरी गेट बस स्टैंड से भी सीधे 'कैंची धाम' की यात्रा बस से भी कर सकते है।

कैंची धाम के बारे में खास बातें
(Kainchi Dham Ki Khas Baate)

कैंची धाम में हनुमान जी का विशेष मंदिर है, जिसकी स्थापना स्वयं बाबा नीम करोली ने की थी। प्रतिवर्ष 15 जून को कैंची धाम में विशेष पंडाल और मेला भरता है। प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक, कैंची धाम आने वाले भक्तों पर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है और वे कभी खाली हाथ नहीं लौटते।

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