OM Symbol: हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव को समर्पित सावन के महीने का विशेष महत्व बताया गया है। सावन के महीने में शिव भक्त भगवान की सच्चे मन से पूजा- पाठ के साथ दान धर्म करते हैं। वहीं भगवान की पूजा के दौरान ऊँ का जाप या उच्चारण जरूर किया जाता है। हवन या किसी भी धार्मिक कार्य करते समय ऊँ का जाप या उच्चारण करना शुभ माना जाता है। 

बता दें कि हिंदू धर्म में ऊँ शब्द को सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण शब्द की संज्ञा दी गई है। इसके अलावा जैन, सिख, बौद्ध जैसे धर्मों में ऊँ (ओम) और ओंकार की ध्वनि को पवित्र माना जाता है। लेकिन इसके पीछे का क्या कारण है? धर्म शास्रों में कहा गया है कि ऊँ अपने आप में एक पूर्ण मंत्र है और धर्म गुरुओं के अनुसार ऊँ का उच्चारण करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आह्वान होता है। 
 
ब्रह्मांड की प्रथम ध्वनि है ऊँ
धार्मिक कथाओं के अनुसार ऊँ को ब्रह्मांड की प्रथम ध्वनि कहा जाता है, मान्यता है कि इसके बाद ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई थी। वहीं कुछ धर्मिक मान्यताओं के अनुसार ऊँ की उत्पत्ति शिव भगवान के मुख से हुई है। ऊँ का महत्व कई शास्रों में बताया गया है। ऊँ का जिक्र मंडूक उपनिषद में भी मिलता है, जहां कहा गया है कि संसार में भूत, भविष्य और वर्तमान काल में जो हमेशा मौजूद है, वो ऊँ है। वहीं श्रीमद्भगवद्गीता में भी कहा गया है कि, जो भी ऊँ का उच्चारण करते हुए अपने शरीर का त्याग करता है, वो व्यक्ति परमगति को प्राप्त होता है। 

ऊँ का जाप करने से मिलती है शक्ति
ओम शब्द तीन अक्षरों अ, उ और म से मिलकर बना है। माना जाता है कि यह तीनों अक्षर स्वयं ब्रह्मा, विष्णु व महादेव का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऊँ के उच्चारण से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शांति मिलती है। इसलिए ऊँ का जाप हमेशा करना चाहिए।