Onam 2024: ओणम के दिन राक्षस राजा बलि की क्यों होती है पूजा, जानें कथा और धार्मिक महत्व

Onam 2024: ओणम का त्योहार दक्षिण भारत, खासकर केरल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ओणम केरल का आधिकारिक त्योहार है। इस बार यह त्योहार 15 सितंबर को है। चिंगम महीने में मनाया जाने वाला यह त्योहार अट्टम से शुरू होकर पोन्नोनम तक 10 दिन चलता है। ओणम मनाने की कई मान्यताएं हैं, जिनमें से एक यह है कि इसे नई फसल के आने की खुशी में मनाया जाता है।
ओणम में किसी देवी या देवता की पूजा नही की जाती है, बल्कि इस त्योहार में महाबली नामक राक्षस की पूजा होती है। लोग अपने घरों के बाहर फूलों की रंगोली बनाकर उनका स्वागत सत्कार करते हैं। जानिए इसके पीछे की वजह क्या है?
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ओणम कथा
दक्षिण भारत में राजा महाबली को बहुत दानवीर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि केरल के राजा बली के राज्य में प्रजा बहुत सुखी और समृद्ध थी। इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और राजा बली से दान मांगा। भगवान विष्णु ने दान में तीन पग भूमि मांगी। श्रीहरि ने दो पग में पृथ्वी और स्वर्ग नाप लिया फिर राजा ने पूछा कि मैं तीसरा कदम कहां रखूं। भगवान के इस सवाल पर राजा कहते हैं, कि वामन देव कृपया तीसरा कदम मेरे सिर पर रखें।
प्रसन्न होकर पाताल लोक का राजा बना दिया
यह सुनकर भगवान विष्णु प्रसन्न हुए। प्रसन्न होकर उन्हें अमरता का वरदान दिया और पाताल लोक का राजा बना दिया। इसके अलावा उसे हर साल एक बार अपनी प्रजा से मिलने की अनुमति दी। हर साल ओणम के त्योहार पर राजा बलि धरती पर आते हैं। थिरुवोणम के दिन, राक्षस राजा महाबली प्रत्येक मलयाली घर जाते हैं और अपनी प्रजा से मिलते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं। ओणम के त्योहार मनाने के पीछे की यही बजह है।
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