Pitru Paksha 2024: पितृ-पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर 2024, बुधवार से हो रही है। हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, इन दिनों में पितरों का तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। शास्त्रीय मान्यताओं की मानें तो पितृ-पक्ष के दौरान व्यक्ति को कई कठोर नियमों का पालन करना होता है। इसी दौरान कई लोग असमंजस में रहते हैं कि, पितृ पक्ष में शारीरिक संबंध बनाना चाहिए या नहीं? चलिए जानते है इस बारे में सनातन धर्म में शास्त्र क्या कहते हैं।
पितृ पक्ष में शारीरिक संबंध बनाना चाहिए या नहीं?
(Pitru Paksha Me Sambhog Karna Chahiye Ya Nahi)
इस धरती पर महिला और पुरुष का एक-दूसरे के प्रति आकर्षण सर्वसत्य है। यही आकर्षण प्रेम के रिश्ते निर्धारित करता है। इसी क्रम में महिला-पुरुष का सम्भोग भी एक नियम है, लेकिन इस क्रिया को करने से पहले हमारे हिंदू धर्म-शास्त्रों में कुछ कठोर नियम बताये गए है, उनकी पालना भी आवश्यक है। माना जाता है कि, यदि महिला-पुरुष संभोग क्रिया धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर करें, तो यह पवित्र है। यदि ऐसा नहीं करते है तो, उन्हें नुकसान होता है।
यहां सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि, क्या पितृपक्ष की अवधि में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाना चाहिए या नहीं? इस बारे में धर्म-शास्त्र कहते है " पितृपक्ष की अवधि में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। इस अवधि में यदि वे इंद्रियों पर संयम रखें तो बेहतर होता है। इस अवधि में गर्भ धारण करने से संतान को सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। यही नहीं पैदा होने वाली संतान विकृत हो सकती है। इन्हीं वजह से पितृपक्ष में संभोग नहीं करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।