Pitru Paksha 2024: इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर 2024, मंगलवार से हो रही है। इन दिनों में पितरों का तर्पण करने से सुख-शांति मिलती है। माना जाता है कि, व्यक्ति मरने के बाद सबसे पहले कौवे के रूप में जन्म लेता है। कहा जाता है कि, कौवा ही एकमात्र ऐसा पक्षी है, जिसका जीवित रहते हुए भी स्वर्ग और नरक आना-जाना लगा रहता है। धरती पर कौवे को पितरों का रूप माना गया है। यही वजह है कि पितृ पक्ष में कौओं को भोजन करवाना चाहिए। 

शास्त्रों के मुताबिक, व्यक्ति को मरने के बाद सबसे पहला जन्म कौआ का मिलता है, जिसे पितरों के प्रतीक के रूप में देखा गया है। पितृ पक्ष में कौए को भोजन कराने के पीछे कई मान्यताएं है, जो धरती पर प्रचलित है। चलिए जानते है, उन मान्यताओं के बारे में जिनका सीधा संबंध पितृ पक्ष और कौए से है। 

कौवे को भोजन कराने के पीछे की मान्यताएं
(Kauve Ko Bhojan Karane Ki Manyatey)

  • - माना गया है कि, मरने के बाद व्यक्ति को पहला जन्म कौआ का मिलता है। इसलिए इन्हें भोजन कराने से पितरों को भोजन की प्राप्ति होती है। 
  • - माना जाता है कि, कौआ ही एकमात्र ऐसा जीव है, जिसका पृथ्वी से स्वर्ग-नरक आना-जाना लगा रहता है। यही वजह है कि, कौवा श्राद्ध में भरपेट खाकर संतुष्ट होकर ऊपर जाता है, तो पितर उसके पास आकर अपने स्वजनों की जानकारी लेते है। 

पितृ पक्ष में करने वाले धार्मिक कार्य
(Pitru Paksha Me Karne Vale Kaam)

  • - शास्त्रों के मुताबिक, पितृ पक्ष में तुलसी पूजा करने से पितरों को कई कष्टों से मुक्ति मिलती है। 
  • - शास्त्रों के मुताबिक, पितृ पक्ष में शारीरिक संबंध बनाने से पितर नाराज होते है। इससे परिवार की सुख-शांति भंग होती है। 
  • - शास्त्रों के मुताबिक, पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितृ ऋण भी चुकता हो जाता है। इसलिए श्राद्ध अवश्य करें। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।.