Pradosh Vrat 2024 Upay: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आज अश्विन माह के शुक्ल पक्ष का एकादशी तिथि है, जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसके दो दिन बाद यानी अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। क्योंकि यह व्रत भगवान शिव को ही समर्पित है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती हैं। इसके साथ ही भगवान शिव अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा भी बनाए रखते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय और टोटके किए जाते हैं। इन उपायों को करने से जीवन संबंधित सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। लेकिन आज एक ऐसे उपाय के बारे में बताने वाले हैं, जिसे करने से सभी प्रकार के रोग-दुख और हर तरह की बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।

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रोग-दुख से मुक्ति पाने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे मंत्र है। लेकिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि जो जातक विधि-विधान से भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। घर में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से जीवन में किसी भी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं। घर में खुशहाली बनी रहती हैं।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। इस मंत्र को मृत संजीवनी मंत्र कहा जाता है। यदि आप इस मंत्र का जाप करते हैं, तो भगवान शिव हमेशा आशिर्वाद बनाए रखते हैं। इसलिए प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसके संबंध में ज्यादा जानने के लिए किसी ज्योतिष से संपर्क करें।