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Pradosh Vrat Maha Upay: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए कुछ चमत्कारी उपाय किए जाते हैं, जिससे सारे पापों से मुक्ति मिल जाती हैं। तो आइए उन उपायों के बारे में जानते हैं।

Pradosh Vrat Maha Upay: सनातन धर्म में किसी भी व्रत-त्योहार का बहुत विशेष महत्व होता है। ऐसे में कल प्रदोष व्रत है और यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो जातक इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। कल जो प्रदोष व्रत रखा जाएगा वो सितंबर माह का दूसरा प्रदोष व्रत होगा। तो आज इस खबर में जानेंगे कि प्रदोष व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और चमत्कारी उपायों के बारे में जानेंगे।

प्रदोष व्रत शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की शुरुआत 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 47 मिनट पर हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 30 सितंबर को 7 बजकर 6 मिनट पर होगी। प्रदोष व्रत की पूजा शाम में की जाती है इसलिए 29 सितंबर को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम के 6 बजकर 9 मिनट से लेकर रात के 8 बजकर 34 मिनट तक है। यानी पूजा की अवधि कुल 2 घंटे 25 मिनट रहने वाली है। इस शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं। यदि आप इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत में शाम को विशेष रूप में पूजा करने का विधान है। तो आइए प्वाइंट वाइज जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि क्या है।

  • प्रदोष व्रत के दिन शाम को सूर्यास्त होने से पहले एक बार फिर से स्नान करें।
  • साफ सुथरा रंग के वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा में मुँह करके भगवान भोलेनाथ की पूजा करें।
  • प्रदोष व्रत के दिन मिट्टी से शिवलिंग बनाएं और विधि-विधान से पूजा करने के बाद शिवलिंग का विसर्जन करें।
  • पूजा करने से पहले आपको दीपक जलाना होगा। उसके बाद ही पूजा की शुरुआत करना होगा।
  • सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करें, उसके बाद ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • भगवान शिव को जल, दूध, पंचामृत आदि से स्नान कराएं, उसके बाद बेलपत्र, पुष्प और पूजा की जितनी भी सामग्री है वे अर्पित करें।
  • इन सब चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान शिव को भोग लगाएं और कथा करें। उसके बाद आरती भी करें।
  • आरती करने के बाद भगवान शिव से क्षमा याचना करें और उनका आशीर्वाद लें।
  • यदि आप इस तरह विधि-विधान से प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।

क्या है प्रदोष व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा सच्चे मन और विधि-विधान से करते हैं। जो लोग प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं उनके सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही उन्हें शिव धाम की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब चंद्र देव को क्षय रोग हुआ था, जिसके कारण वे मृत्युतुल्य के सामान कष्ट झेल रहे थे।

तब भगवान शिव ने उस दोष का निवारण बताए। उन्होंने चंद्र देव से कहा कि त्रयोदशी के दिन व्रत रखें। चंद्र देव ने ऐसा ही किया और पुन जीवन प्रदान किया। इसलिए प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने से मनुष्यों के सारे पाप धुल जाते हैं।

प्रदोष व्रत के चमत्कारी उपाय

मान-सम्मान के लिए उपाय

यदि आप अपने जीवन में मान-सम्मान चाहते हैं तो आपको प्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र धारण करना होगा और भगवान भोलेनाथ की आराधना करनी होगी। आराधना करने के बाद आपको इस दिन दही से अभिषेक करना होगा। भगवान शिव पर दही और चंदन अर्पित करने से आपको समाज में मान-सम्मान और अस्थिर जीवन से छुटकारा मिल जाएगा।

तनाव दूर करने के उपाय

यदि आपके जीवन में अशांति हैं और आप इसका सामधान करना चाहते हैं तो आपको प्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र धारण करके शिवलिंग पर दूध अर्पित करना होगा। उसके बाद माथे पर सफेद तिलक भी लगाना चाहिए। यदि ये उपाय करते हैं तो आपको तनाव और अशांति से मुक्ति मिल जाएगी।

आर्थिक लाभ पाने के उपाय

यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, आपका मन परेशान है तो आप प्रदोष व्रत की शाम शुभ मुहूर्त में भगवान भोले नाथ और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें। उसके बाद 7 सफेद फूलों को शहद में डुबोकर बारी-बारी से शिलविंग पर अर्पित करें। ऐसा करने आपकी आर्थिक स्थित ठीक हो जाएगी।

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