(रुचि राजपूत)

Puja Ke Niyam : सनातन धर्म में पूजा-पाठ को विशेष महत्व दिया जाता है। हर घर में सुबह और शाम को पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने का एक अच्छा तरीका होता है। हालांकि पूजा करते समय कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखा जाता है। ज्यादातर हिन्दू घरों में सुबह और शाम को पूजा की जाती है। शाम पूजा को संध्या वंदन भी कहा जाता है। आइए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से कि पूजा के दौरान कौन से नियमों का पालन करना चाहिए जिससे की पूजा करने का लाभ मिल सके। 

पूजा करने से सरल और सही नियम

1. इस दिशा में हो पूजाघर
बहुत से लोग अपने घरों में मंदिर की स्थापना करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके घर में मंदिर है तो उसे ईशान कोण में स्थापित करें। ईशान कोण का मतलब होता है उत्तर और पूर्व की दिशा। 

2. पूजा करते समय किस दिशा में हो मुख
वास्तु शास्त्र के अनुसार आप चाहते हैं कि आपको पूजा का पूरा फल मिले और ईश्वर द्वारा आपकी पूजा स्वीकार कर ली जाए तो आप पूजा करने के दौरान अपना मुख उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें, यह शुभ माना जाता है। 

3. किस समय करें पूजा
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पूजा का विधान तय किया गया है। कोई भी पूजा सूर्य के उदय होते ही और शाम को सूर्यास्त से पहले कर लेना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने का विशेष लाभ होता है। 

4. जरूर जलाएं दीपक
पूजा करते समय सबसे जरूरी होता है कि घर में सुबह और शाम को दीपक जरूर जलाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दीपक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। पूजा के समय दीपक जलाने से निगेटिव एनर्जी समाप्त हो जाती है। 

5. आरती के समय रखें ध्यान
पूजा के बाद आरती की जाती है। आरती करने का भी नियम है। जब आप आरती करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आरती करते समय एक स्थान पर खड़े रहें और आपका सिर हमेशा झुका रहे।