Bihari Ju Mandir Chhatarpur: भारत देश साधना और आध्यात्म का केंद्र है। यहां कई रहस्यमयी मंदिर स्थित है, जिनका एक विशेष महत्व है। एक ऐसा ही मंदिर छतरपुर जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर स्थित है, जिसका नाम है 'बिहारी जू मंदिर।' इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि, यहां भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा आते है, और ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर उनका निवारण भी करते है। चलिए जानते है इस विशेष मंदिर के बारे में पूरी जानकारी।
छतरपुर के बिहारी जू मंदिर में श्री कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति स्थापित है। कहा जाता है कि, महाराज गंज और श्यामरी पुरवा गांव के लोग साल में एक बार ढोल नगाड़े बजाकर बिहारी जू मंदिर जाते है। यहां वे श्री कृष्ण और राधा रानी को पालकी में विराजमान कर गांव लाते है। मंदिर से गांव लाने के दौरान श्री कृष्ण और राधा रानी के रास्ते पर गांव के लोग शंख और ढोल-नगाड़े बजाते हुए आगे बढ़ते है। इसके पश्चात गांव में एक बड़े चबूतरे पर उन्हें विराजित किया जाता है।
कहते है, इसके पश्चात भगवान कृष्ण और देवी राधा लोगों की परेशानियों को सुनते हैं। अल सुबह होने पर उन्हें वापस मंदिर में विराजमान कर दिया जाता है। यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है। इस मंदिर तक जाने के लिए आप सड़क मार्ग से अथवा इंदौर एयरपोर्ट और खजुराहों एयरपोर्ट से पहुंच सकते है।
बिहारी जू मंदिर के बारे में पौराणिक कथा
(Bihari Ju Mandir Pauranik Katha)
छतरपुर के बिहारी जू मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, सैकड़ों साल पहले महाराज गंज और श्यामरी पुरवा गांव के लोग काफी परेशान थे। जिसके बाद उन्होंने एक दिन मंदिर के पुजारी संग फैसला लिया कि बिहारी जू मंदिर से श्री कृष्ण और राधा रानी को अपने गांव लेकर जाया जाएगा और भगवान स्वयं ही ग्रामीणों की परेशानियां देख लेंगे। इसके बाद राजा और पुजारी संग ग्रामीण भी इस बात पर राजी हो गए। तभी से हर साल बिहारी जी गांव आते है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।