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Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन के दिन क्या होगा भद्रा काल का प्रभाव। क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त। जानें रक्षाबंधन की सही विधि और उपाय, ताकि आपका पर्व हो मंगलमय।

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन का पावन पर्व इस वर्ष सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा काल सुबह से दोपहर 1:33 बजे तक रहेगा, जिसके कारण राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इसके बाद ही शुरू होगा। भद्रा काल के समाप्त होने के बाद, सूर्यास्त तक किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। हालाँकि, रात में रक्षाबंधन का कोई विशेष नियम शास्त्रों में नहीं है, लेकिन अगर दिन में राखी नहीं बांधी जा सके, तो शाम के समय भी यह पर्व मनाया जा सकता है। 

भद्रा काल का प्रभाव और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल जरूर रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव पृथ्वी पर नहीं पड़ेगा। भद्रा काल 19 अगस्त को दोपहर 1:33 बजे तक रहेगा, लेकिन चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण यह काल पाताल लोक में रहेगा। इसलिए भद्रा काल का कोई भी असर शुभ कार्यों पर नहीं पड़ेगा। रक्षाबंधन का पर्व दिन भर बिना किसी झिझक के मनाया जा सकता है, बस आपको राहु काल के दौरान राखी बांधने से बचना होगा। 

Raksha Bandhan 2024
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राहु काल और राखी बांधने का शुभ समय
रक्षाबंधन के दिन राहु काल सुबह 7:31 बजे से 9:08 बजे तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधने से बचना चाहिए। राखी बांधने का सबसे अच्छा समय दोपहर 1:46 बजे से 4:19 बजे तक रहेगा, यानी 2 घंटे 33 मिनट तक का शुभ समय मिलेगा। इसके अलावा, शाम के समय प्रदोष काल में भी आप राखी बांध सकते हैं, जो 6:56 बजे से 9:07 बजे तक रहेगा। 

Raksha Bandhan 2024
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रक्षाबंधन कैसे मनाएं? जानिए सही तरीका
रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर भगवान की पूजा करने के बाद रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र और मिठाई की थाली तैयार करें। साथ ही घी का दीपक जलाएं। सबसे पहले रक्षा सूत्र और पूजा की थाली भगवान को अर्पित करें। इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठाएं। सबसे पहले भाई को तिलक लगाएं, फिर रक्षा सूत्र बांधें और उसकी आरती करें। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। 

भाई-बहन इन बातों का जरूर रखें ध्यान
रक्षा सूत्र बांधते समय भाई-बहन का सिर ढका होना चाहिए। राखी बांधने से पहले अपने इष्ट देव को याद करना चाहिए। भाई-बहन एक दूसरे के सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करें। राखी बांधने के बाद माता-पिता या बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना न भूलें। इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार दें, जिसमें शुभ वस्तुएं होनी चाहिए। काले कपड़े या धारदार वस्तुएं उपहार में देने से बचें।

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