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Rangbhari Ekadashi 2024 : फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी बोला जाता है। इसका नाम रंगभरी एकादशी भी है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती ने होली खेली थी।

(रुचि राजपूत)

Rangbhari Ekadashi 2024 : फाल्गुन महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी नाम से जाना जाता है। हिन्दू मान्यता है कि इस एकादशी के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती ने साथ में होली खेली थी। इसी कारण इस एकादशी को रंगभरी एकादशी कहा गया। यह एकादशी तिथि भगवान शिव और माता पार्वती से संबंध रखती है, इसलिए वैवाहिक जीवन से जुड़े लोगों को इस दिन कुछ ख़ास उपाय करने चाहिए। इन उपायों को करने से वैवाहिक जीवन में ख़ुशहाली आती है। तो चलिए जानते हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित धर्मेंद्र दुबे से रंगभरी एकादशी के दिन किए जाने वाले उपायों को।

रंगभरी एकादशी 2024 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष रंगभरी एकादशी तिथि की 20 मार्च को रात 12:21 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 21 मार्च को सुबह 02:22 बजे समाप्त होगी। ऐसे में 20 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी।

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए उपाय
-रंगभरी एकादशी के दिन लाल रंग के सूती कपड़े में लाल गुलाल और जोड़े में सुपाड़ी इस तरह से रखें, कि वह नज़र न आए। इसके बाद उस कपड़े की पोटली बना लें और उसे अपने शयनकक्ष की अलमारी में रख दें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

-महिलाएं रंगभरी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ का पत्ता लेकर उस पर अपने पति और अपना नाम लिख लें। इसके बाद उस पर अक्षत छिड़कें और कुमकुम से तिलक लगाएं। इसके बाद उस पत्ते को कलावे से बांधकर भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित कर दें। ऐसा करने से दाम्पत्य जीवन मज़बूत होता है।

-रंगभरी एकादशी के दिन हाथ में बांधे जाने वाले कलावे से दो लंबी बत्ती निकाल लें। इन बातियों को दीपक में भगवान शिव और माता पार्वती के सामने लगाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन पर लगी नज़र उतर जाती है, और रिश्ते में सकारात्मकता आती है।

-रंगभरी एकादशी के दिन पति-पत्नी दोनों को साथ में केले के पेड़ की पूजा करें। इसके बाद कलावा बांधते हुए केले की 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से जीवन का क्लेश दूर होता है। संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती है।

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