Sawan Pradosh Vrat: सावन महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह पूरा महीना भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में पूजा- अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भी भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सारे बिगड़े काम बन जाते है।
पंचांग के अनुसार सावन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शनिवार 17 अगस्त 2024 को है। शनिवार के दिन होने से इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से उन लोगों के विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, जिनके विवाह में बाधाएं आ रही हों। इसके अलावा जीवन में धन-संपन्नता बनी रहती है।
शुभ मुहूर्त
सावन के दूसरे प्रदोष व्रत तिथि का आरंभ शनिवार यानी 17 अगस्त 2024 की सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर होगा। जबकि इसका समापन रविवार 18 अगस्त 2024 की सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगा।
पूजा विधि
- प्रदोष व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतिमा की स्थापना करें।
- इसके बाद प्रतिमा पर गंगाजल से आभिषेक करें और घी का दीपक जलाएं।
- माता पार्वती को कुमकुम व चंदन का तिलक लगाएं और लाल वस्त्र अर्पित करें।
- फिर अंत में व्रत कथा पढ़कर आरती उतारें।