Sawan Shivling Parikrama Niyam: भगवान शिव और उनके भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद प्रिय माना जाता है। इस माह में शिव की उपासना करने से साधकों को मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है। सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने के भी विशेष नियम धर्म शास्त्रों में निहित है। यदि आप भी सावन में शिव पूजा कर रहे है, तो आपको कुछ नियमों को ध्यान में अवश्य रखना चाहिए। यहां हम आपको बता रहे है शिवलिंग परिक्रमा के नियम।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की पूजा और परिक्रमा करने से जीवन की हर बाधा से मुक्ति मिलती है। साथ ही साधकों को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करनी चाहिए।
शिवलिंग की परिक्रमा करते समय रखें ध्यान
(Sawan Shivling Parikrama Niyam)
- - सावन में शिवलिंग की पूजा के दौरान परिक्रमा हमेशा शिवलिंग के बाईं ओर से शुरू करें।
- - सावन में शिवलिंग परिक्रमा अर्धचंद्राकार में चक्कर लगाने के बाद वापस जगह पर आ जाएं।
- - शिवलिंग के अभिषेक के दौरान जहां से जल नीचे की तरफ गिरता है, उसे भूल से भी कभी न लांघें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान जलस्थान या जलधारी को भूलकर भी नहीं लांघना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि शिव जी पर चढ़ाए गए जल में शिव और शक्ति की ऊर्जा का अंश समाहित हो जाता है। इसके चलते उसे लांघने से जीवन में कष्ट उत्पन्न हो सकते है। मान्यताओं की माने तो शिव जी की परिक्रमा की शुरुआत दाईं तरफ से कभी नहीं करनी चाहिए, अगर ऐसा करेंगे तो यह आधी परिक्रमा मानी जायेगी।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।