Shardiya Navratri 2024: गुरुवार 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इनका समापन शुक्रवार 11 अक्टूबर नवमी के दिन होगा। सनातन धर्म में नवरात्रि के दिनों का विशेष महत्व बताया गया है। इन दिनों में मातारानी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाले नवरात्र को शारदीय कहा जाता है क्योंकि ये शरद ऋतु में आते है। शारदीय नवरात्र में उपवास को श्री राम से जोड़ा गया है।
श्री राम ने किया था 9 दिनों का उपवास
हिंदू धर्म ग्रंथो में त्रेता युग की एक कथा है, जब श्री राम ने लंका विजय के लिए नवरात्र का उपवास किया था। श्री राम ने ये उपवास महर्षि नारद के सुझाव को मानते हुए रखा था। उपवास का संकल्प लेने से पहले श्री राम ने किष्किंधा पर्वत पर एक सिंहासन बना मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की थी। ...और 9 दिनों तक उपवास रख मां की आराधना की थी। इस सच्ची आस्था से प्रसन्न होकर मां शेरावाली ने श्री राम को लंका विजय का वरदान दिया था। कहते है मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा किया गया नवरात्रि का यह उपवास आज प्रथा और परंपरा बन चुका है, जिसका भक्त निर्वाह करते है।
उपवास से स्वास्थ्य रहता है उत्तम
हिंदू धर्म शास्त्रों में उपवास को स्वास्थय की दृष्टि से अहम बताया गया है। स्वास्थय विषेशज्ञों की मानें तो उपवास रखने वाले व्यक्ति की जीवनशैली काफी अच्छी हो जाती है। सामान्य दिनों की तुलना में उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर अधिक आराम महसूस होता है। पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है और शरीर की नकारात्मकता बाहर निकलती है। इसी तरह उपवास करने से पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है और वयक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।