(रुचि राजपूत)

Surya and Shani Yuti : ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है। शनि ग्रह के पिता सूर्य देव है, लेकिन ये दोनों एक दूसरे के प्रबल शत्रु माने जाते हैं। ऐसे में जब इन दोनों ग्रहों की युति किसी राशि में बनती है, तो यह अशुभ प्रभाव देते हैं। इसके अलावा इन दोनों की युति का असर मानव जीवन और देश दुनिया पर भी देखने को मिलता है। शनि देव कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, और सूर्य देव भी फरवरी माह में कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसा होने से ही इन दोनों ग्रहों की युति कुंभ राशि में बनेगी। जिसके कारण तीन राशि वाले जातकों की तरक़्क़ी के योग भी बनेंगे। वे कौन सी तीन राशि हैं आइए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से। 

- तुला राशि
तुला राशि वाले जातकों के लिए सूर्य और शनि की युति लाभकारी साबित होने जा रही है। शनि और सूर्य की युति तुला राशि के पंचम भाव में बनेगी। इस समय आपको संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। इसके अलावा यदि कई दिनों से पैसा कहीं फंसा हुआ है तो जल्द ही वापस मिलेगा। आपके द्वारा बनाई गई योजनाएं सफल हो सकती हैं। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, परिवार में मेल जोल बढ़ेगा और लोगों से संबंध बेहतर होंगे, प्रेम प्रसंग के मामले में सफलता प्राप्त हो सकती है.

- मिथुन राशि
मिथुन राशि वाले जातकों के लिए सूर्य और शनि की युति शुभ साबित हो सकती है। मिथुन राशि वालों की कुंडली के नवम भाव में ये युति बनने जा रही है। इस वक़्त आपको आपके भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपके रुके हुए सारे कार्य बनेंगे। इस समय आप धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। अपने कारोबार के संबंध में लंबी यात्राएं करनी पड़ सकती है, इन यात्राओं से ही आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। छात्रवर्ग के लिए ये समय ख़ास रहने वाला है। छात्रवर्ग मेहनत करें तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी।

- कुंभ राशि
कुम्भ राशि के जातकों के लिए सूर्य और शनि कि ये युति लाभ देने वाली होगी। सूर्य देव और शनि देव की ये युति कुम्भ राशि वालों की गोचर कुण्डली के लग्न भाव में बनने जा रही है। इस समय आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, परिवार में परिजनों के साथ संबंध अच्छे होंगे। सुख-शान्ति बनी रहेगी। कारोबार में सफलता मिलेगी। आपको आपके जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। इस समय आपका मान सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।