Meaning Of Dreaming In Pitru Paksha: ज्योतिष शास्त्र की शाखाओं में स्वप्न शास्त्र का विशेष महत्व रखता है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, जब व्यक्ति रात को सोते समय सपना देखता है, तो उसका कुछ न कुछ मतलब अवश्य होता है। देखे गए सपने या तो भविष्य के लिए सचेत करता है या पहले हो चुके घटना को याद दिलाता है।
प्रत्येक व्यक्ति रात को सोते समय सपना अवश्य देखता है। कुछ सपने डरावने, सुखद तो कुछ अजीबो-गरीब होते हैं। वहीं कुछ लोग सपने में अपने पूर्वजों को देखते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है सपने में पूर्वजों को देखने का क्या मतलब होता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि पितृपक्ष के दौरान सपने में पूर्वज आते हैं तो उसका क्या मतलब होता है।
कब से होगी पितृपक्ष की शुरुआत
वैदिक पंचांग के अनुसार, दो दिन बाद यानी 17 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है और समाप्ति 18 अक्टूबर को होगी। ऐसे में इस दौरान पितरों को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि जो लोग इस दौरान पूर्वजों का तर्पण करते हैं उनके ऊपर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।
सपने में पूर्वजों को देखने के मतलब
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने सपने में पूर्वजों को देखते हैं तो यह एक शुभ स्वप्न है। वहीं, अगर आप अपने सपने में अपने माता-पिता को देखते हैं तो यह भी एक शुभ संकेत हैं। सपने में देखे गए पूर्वजों को इस बात का संकेत देता है कि आने वाले समय में आपको करियर और कारोबार में खूब तरक्की होगा। साथ ही समाज में मान-सम्मान मिलने वाले हैं।
यदि आप सपने में आप अपने किसी करीबी को देखते हैं जिसकी मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी है, तो यह सपना इस बात का संकते देता है कि उस व्यक्ति से अभी भी लगाव है। साथ ही, वह व्यक्ति आपको किसी न किसी रूप में रोज याद करता है।
स्वप्न शास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने सपने में पूर्वजों को देखते हैं, तो इस बात का भी संकेत है कि उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई है, या फिर आपके पूर्वज किसी बड़ी घटना का संकेत दे रहे हैं। ऐसे में आपको पितृपक्ष के दौरान पूर्जवों को तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिल जाएं। यदि आप इन बातों को नजरअंदाज करते हैं तो यह संकेत आपको भारी पड़ सकता है।
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।