Toilet Bathroom Vastu Dosh: वास्तु दोष हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालते है। वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम के वास्‍तु दोष करियर की ग्रोथ को रोकने का काम करते है। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाए तो जीवन में कई और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। बाथरूम के वास्‍तु दोष घर-परिवार की तरक्की में भी बाधा उत्पन्न करते है। इसकी वजह से आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियां बनती है। 

टॉयलेट-बाथरुम वास्‍तु टिप्स
(Toilet Bathroom Vastu Tips) 

  • - घर की दक्षिण या फिर दक्षिण-पूर्व या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बाथरूम-टॉयलेट कभी भी नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में ही बाथरूम-टॉयलेट का निर्माण सही रहता है। 
  • - बाथरूम अथवा टॉयलेट भूलकर भी किचन के सामने या किचन के बाजू में न बनवाएं। जिस घर में ऐसा होता है उस घर में बीमारियां डेरा जमा लेती है। 
  • - भूलकर भी घर के बाथरूम में पीला और नारंगी रंग न करवाएं। आप चाहे तो बाथरूम में नीले रंग का पेंट अथवा इसी रंग की टाइल्स लगवा सकते है। अगर संभव है तो बाथरूम में बाल्‍टी और मग का रंग भी नीला ही रखें, इसे वास्तु अनुसार शुभ माना गया है। 
  • - वास्तु अनुसार बाथरूम की बाल्‍टी कभी भी खाली न रखें। इसे हमेशा भरकर रखें। यदि ऐसा नहीं किया तो घर में पैसे की बरकत नहीं होगी। 
  • - बाथरूम-टॉयलेट के किसी भी नल या बेसिन से पानी लीक न हो। यह घर में आर्थिक नुक्सान की वजह बनता है। 
  • - बाथरूम में शीशा दरवाजे के सामने न लगाएं। इससे नेगेटिव ऊर्जा का वास होता है। शीशा पूर्व या फिर उत्तर दिशा में लगायें। 
  • - बाथरूम में शीशा दरवाजे के सामने ना लगवाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है. बाथरूम में शीशा हमेशा पूर्व या फिर उत्तर दिशा में होना 
  • - अटैच्‍ड बाथरूम हो तो गलती से भी बाथरूम का दरवाजा खुला न रखें।  यह आर्थिक संकट और करियर में रुकावट उत्पन्न करता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।