tortoise ring: हिंदू धर्म में वास्तु के अनुसार कछुए को बहुत ही भाग्यशाली माना गया है। इसलिए अक्सर कछुए के आकार में बने गहनों को उपयोग करते हैं और घर में कछुए की बनी मूर्ति का भी पूजन करते हैं। मान्यता है कि, कछुए की अंगूठी को पहनने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। अंगूठी को पहनते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना जरूरी है।
कछुए की अंगूठी का सीधा संबंध वास्तु शास्त्र से है। धर्म विशेषज्ञों का कहना है कि इसे धारण करने से व्यक्ति के भाग्य के रास्ते खुल जाते हैं। वास्तु शास्त्र में कछुए को बहुत ही भाग्यशाली माना गया है। इसलिए बहुत से लोगों को हाथ में कछुए की अंगूठी पहने देखा जाता है। कछुए की अंगूठी धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाओं का वास होता है। साथ ही धन की कमी से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन अगर इसे पहनने में जरा सी लापरवाही की तो व्यक्ति को कंगाल होने में भी देर नहीं लगती है।
कछुए की अंगूठी धारण करने के नियम
वास्तु शास्त्र के जानकारों के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को शौकिया तौर पर कछुए की अंगूठी धारण नहीं करनी चाहिए। अंगूठी पहनने से पहले ज्योतिष की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। सिंह और तुला राशि वालों को कुंडली दिखाकर ही अंगूठी धारण करना चाहिए।
कछुआ की अंगूठी धारण करते समय ध्यान रखना चाहिए कि कछुए का मुंह पहनने वाले की तरफ हो। ऐसा करने से धन आपकी ओर आकर्षित होता है। अगर कछुए का मुंह विपरीत दिशा में है तो, इससे आर्थिक नुकसान होता है।
यह अंगूठी दांए हाथ की बीच वाली उंगली या फिर साथ वाली तर्जनी उंगली में ही धारण करनी चाहिए। अंगूठी में श्री लिखा ही पहनना चाहिए।
अंगूठी को पहनने का सबसे अच्छा दिन शुक्रवार है, इसलिए इसे शुक्रवार के दिन ही धारण करें। अंगूठी हमेशा चांदी में ही बनवानी चाहिए।
अगर अंगूठी उतारकर रखना चाहते हैं तो, इसे उतार कर पूजा घर में मां लक्ष्मी के चरणों के पास ही रखना चाहिए। अंगूठी के विपरीत दिशा में मुंह घूम जाने से धन हानि होने लगेगी।
अंगूठी को एक बार उतारने के बाद दूध से भरे कटोरे में डालकर मां लक्ष्मी के चरणों पर स्पर्श करने के बाद ही पहनना चाहिए।
ज्योतिषीयों का मानना है कि कर्क, मेष, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को बिना सलाह के कछुआ अंगूठी धारण करने से बचना चाहिए। बिना ज्योतिष सलाह के इसे धारण करने से इस राशि वाले ग्रह दोष के शिकार हो सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। कोई भी उपाय को अपनाने से पहले विषय धर्म विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है। हरिभूमि इसके लिए उत्तरदायी नही होगा।