(रुचि राजपूत)
Benefits Of Sitting Cross Leg : हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा करते वक़्त आलती-पालती मारकर बैठने का विधान है। धार्मिक ग्रंथों में आलती-पालती मारकर बैठकर पूजा-पाठ करने के बारे में बताया गया है। हिन्दू धर्म के विद्वान मानते हैं कि इस तरह से बैठकर पूजा-पाठ करने से साधक को पूजा का सही फल प्राप्त होता है। आलती-पालती मारकर पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ करने की परंपरा ऋषि-मुनियों के द्वारा शुरू की गई है। हम सभी ने पूजा-पाठ के दौरान लोगों को आलती-पालती मारकर बैठे देखा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा पाठ के दौरान आलती-पालती मारकर ही क्यों बैठा जाता है? इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे.
आलती-पालती मारकर पूजा करने का धार्मिक महत्व
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान आलती-पालती मारकर जमीन पर बैठने की परंपरा ऋषि-मुनियों ने शुरू की थी। प्राचीन समय में ऋषि-मुनि जमीन पर बैठकर भोजन, भजन, पूजा-पाठ, ध्यान आदि किया करते थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जमीन पर बैठकर पूजा-पाठ करने से धरती माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और यज्ञ-हवन, पूजा-पाठ का पूर्ण फल प्राप्त होता है। मान्यता यह भी है कि जमीन पर बैठ कर पूजा-पाठ करने से किसी भी प्रकार का दोष उतर जाता है।
आलती-पालती मारकर बैठने के ज्योतिषीय लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जमीन पर आलती-पालती मारकर पूजा करने से शरीर में मौजूद सातों चक्र जागृत होते हैं। ऐसा होने से शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार तेज होता है। साथ ही जमीन पर बैठकर पूजा-पाठ करने से नकारात्मक शक्ति का प्रभाव भी नहीं पड़ता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जमीन पर आलती-पालती मारकर पूजा करने से कुंडली में सभी ग्रह शांत रहते है। घर में यदि किसी प्रकार का कोई दोष है तो वह भी समाप्त हो जाता है और घर में शांति, सुख, समृद्धि, संपन्नता आती है।