(रुचि राजपूत)
Takiye ke Niche Geeta Rakhen ya Nahi : श्रीमद भागवत गीता हिंदुओं के पवित्र ग्रंथों में से एक है। यह पुस्तक वेदव्यास द्वारा रचित है। गीता में लिखा ज्ञान जीवन में बहुत काम आता है और हर मोड़ पर मार्गदर्शन करता है। इसलिए इस पवित्र ग्रंथ को पढ़ना बहुत जरूरी बताया गया है। इसके साथ ही श्रीमद भागवत गीता को पास में रखना भी बहुत लाभकारी माना गया है। वहीं कुछ लोग श्रीमद भागवत गीता को अपने पर्स, बैग, अलमारी आदि में रखते हैं, वहीं कुछ लोग भगवत गीता पढ़ने के बाद अपने तकिए के नीचे रखते हैं। प्रसिद्ध ज्योतिषी एवं पंडित धर्मेंद्र दुबे से जानते हैं कि तकिए के नीचे भगवत गीता रखना शुभ या अशुभ है।
तकिए के नीचे भागवत गीता रखने से क्या होता है?
श्रीमद भागवत गीता को तकिए के नीचे रखना शुभ माना जाता है, इसके कुछ लाभ भी हैं लेकिन भागवत गीता को तकिए के नीचे रखने के कुछ नियम भी हैं। तकिये के नीचे श्रीमद भागवत गीता रखने से नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते हैं, डरावने सपने नहीं आते, और चिंता से छुटकारा मिलता है। नकारात्मक ऊर्जा आपके पास नहीं आती है। बार-बार नींद खुलने की समस्या दूर होती है। मन में गंदे विचार नहीं आते और अच्छे से नींद आती है।
भगवत गीता को तकिए के नीचे रखने के कुछ नियम
भगवत गीता को स्वच्छ और पवित्र पीले रंग के मखमल के कपड़े में लपेट कर रखें। कभी भी गीता को खुला हुआ ना छोड़े। अगर गीता का कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में ना छोड़ें। समाप्त कर के ही आसन पर से उठें। भगवत गीता को रात में सोते समय ही तकिए के नीचे रखें। दिन में इसे स्वच्छ स्थान जैसे भगवान के मंदिर में रख सकते हैं। अगर आप बिस्तर पर बैठते हैं या खाना खाते हैं तो उस समय भागवत गीता को स्पर्श ना करें, कहते हैं इससे पाप के भागी बनते हैं।