vijay hazare trophy semi final: कर्नाटक ने बड़ौदा के खिलाफ रोमांचक मैच में पांच रन से जीत दर्ज की और विजय हजारे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जगह पक्की की। ऑस्ट्रेलिया से फ्लाइट से उतरने के कुछ ही समय बाद देवदत्त पडिक्कल ने 99 गेंदों पर 102 रन बनाए, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। लेकिन, कर्नाटक की फील्डिंग ने मैच के नतीजे में बड़ा अंतर पैदा किया। 

बड़ौदा एक समय 282 रन का पीछा करता हुआ नजर आ रहा था। कप्तान क्रुणाल पंड्या और ओपनर शाश्वत रावत टीम को ऐसे मोड़ पर ले आए थे, जब जीत के लिए 100 रन से कम की जरूरत थी। लेकिन 34वें ओवर में 185/2 रन के स्कोर के बाद बड़ौदा ने 16 रन के भीतर ही और तीन विकेट गंवा दिए, जिससे कर्नाटक को वापसी का मौका मिल गया। कर्नाटक के विकेटकीपर श्रीजीत ने अपनी बाईं और फुल स्ट्रेच डाइव लगाकर एक हाथ से क्रुणाल पंड्या का कैच लपका। अगले ही ओवर में श्रेयस गोपाल ने विष्णु सोलंकी को एलबीडब्यू आउट कर दिया। इसके बाद कर्नाटक के कप्तान मयंक अग्रवाल ने मिड-ऑफ से 30 गज पीछे की तरफ दौड़ लगाते हुए शिवालिक शर्मा का कैच लपक लिया। 

भले ही एक छोर से बड़ौदा के विकेट गिर गए थे लेकिन दूसरे छोर को शाश्वत ने थामे रखा था और वो शतक के करीब पहुंच रहे थे। 44वें ओवर में उन्होंने अपना शतक पूरा कर लिया और बड़ौदा को अंतिम 6 ओवर में 59 रन की दरकार थी जबकि 4 विकेट बचे थे। भानु पनिया, जिन्होंने पिछले महीने 51 गेंद में 134 रन की पारी खेली थी, उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा के एक ओवर में 15 रन कूटे। 3 गेंदों के अंतराल में पनिया और रावत के विकेट गिरने से खेल का रुख फिर बदल गया। 9 ओवर में 58 रन देने के बाद, प्रसिद्ध ने धीमी बाउंसर फेंकी जो रावत के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर श्रीजीत के हाथों में चली गई।

फिर भी, भार्गव भट्ट और राज लिंबानी ने बाउंड्री लगाना जारी रखा और आखिरी 6 गेंद में बड़ौदा को 13 रन की दरकार थी। लेकिन, बाएं हाथ के पेसर अभिलाष शेट्टी दबाव में बिखरे नहीं। बड़ौदा को आखिरी 2 गेंद में 8 रन चाहिए थे। तभी भार्गव और राज ने दो रन लेने की कोशिश की ताकि भट्ट स्ट्राइक पर आ जाएं लेकिन आर समारन के डीप मिडविकेट से आए थ्रो से भार्गव भट्ट रन आउट हो गए और बड़ौदा 5 रन से मैच हार गया।