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Mayank Yadav T20I Debut: पेसर मयंक यादव ने बांग्लादेश के खिलाफ ग्वालियर टी20 में इंटरनेशनल डेब्यू किया। मैच से पहले उन्हें हेड कोच गौतम गंभीर ने ये सलाह दी थी कि वो ये भूल जाएं कि ये इंटरनेशनल मैच है और सिर्फ गेंदबाजी पर ध्यान लगाएं।

Mayank Yadav T20I Debut: मयंक यादव ने आखिरकार भारत के लिए डेब्यू कर लिया। मयंक को बांग्लादेश के खिलाफ ग्वालियर टी20 में मौका मिला। उन्होंने आईपीएल 2024 में अपनी रफ्तार से कहर बरपाएगा था। इसके बाद से ही उन्हें टीम इंडिया में लाने की बातें जोर पकड़ने लगी थी। हालांकि, आईपीएल के दौरान ही वो चोटिल हो गए थे और 4 महीने क्रिकेट मैदान से दूर रहे और अब सीधा इंडिया के लिए डेब्यू कर लिया। 

मैच के बाद मयंक ने खुलासा किया कि उन्हें मैच से पहले टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने ये सलाह दी थी कि वो ये भूल जाएं कि ये इंटरनेशनल मुकाबला है। बस, इसी को ध्यान में रखकर उन्होंने गेंदबाजी की। मैच में मयंक यादव ने अच्छी गेंदबाजी की और 4 ओवर में 21 रन देकर 1 विकेट हासिल किया। उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला ओवर मेडन फेंका, जोकि रिकॉर्ड है। 

यादव ने मैच के बाद जियो सिनेमा से कहा, "मैं वाकई उत्साहित था, लेकिन थोड़ा नर्वस भी था। इस सीरीज से चोट के बाद मेरी वापसी हो रही। मैंने आईपीएल 2024 से बाहर होने के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला और फिर सीधे अपना डेब्यू किया। इसलिए मैं थोड़ा नर्वस था। रिकवरी का दौर मेरे लिए कठिन था। पिछले 4 महीनों में काफी उतार-चढ़ाव आए। लेकिन मुझसे ज्यादा, मेरे साथ काम करने वाले लोगों के लिए यह कठिन था।"

मयंक ने कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उनसे गेंद के साथ चीजों को सरल रखने को कहा था। मयंक ने बताया, "उन्होंने (गंभीर) मुझे बुनियादी बातों पर टिके रहने और उन चीजों को करने के लिए कहा, जिनसे मुझे अतीत में सकारात्मक नतीजे मिले हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं अलग-अलग चीजों को आजमाने के बारे में ज्यादा न सोचूं या यह भी न सोचूं कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मैच है। बस प्रोसेस को फॉलो करना अहम था।"

22 साल के मयंक ने जोर देकर कहा कि इंटरनेशनल डेब्यू पर उनका इकलौता लक्ष्य रफ्तार नहीं था। आज मैंने अपने शरीर पर अधिक ध्यान दिया। साथ ही, मैंने तेज़ गेंदबाज़ी करने के बजाय सही लाइन लेंथ पर गेंद फेंकने की कोशिश की। मैंने अपनी गति के बारे में नहीं सोचा। मैंने बस कम से कम रन देने और उचित लाइन और लंबाई पर गेंदबाज़ी करने की कोशिश की। मैंने आईपीएल में भी स्लोअर गेंदें फेंकी थीं, लेकिन ज़्यादा नहीं। मैंने अपने कप्तान से बात की और उन्होंने मुझे विविधताओं को आज़माने के बजाय अपनी स्टॉक बॉल पर भरोसा करने के लिए कहा।

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