India Cricket Team: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गौतम गंभीर को इंडियन टीम का हेड कोच बनाया है। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने मंगलवार 9 जुलाई को आधिकारिक तौर पर भारतीय टीम के नए मुख्य कोच के नाम की घोषणा की। इसके बाद गौतम गंभीर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी।
India is my identity and serving my country has been the greatest privilege of my life. I’m honoured to be back, albeit wearing a different hat. But my goal is the same as it has always been, to make every Indian proud. The men in blue shoulder the dreams of 1.4 billion Indians… pic.twitter.com/N5YyyrhXAI
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 9, 2024
कोच बनने के बाद गौतम गंभीर का बयान
भारत के लिए टी20 और वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे गौतम गंभीर ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच बनने के बाद आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा ''भारत मेरी पहचान है और अपने देश की सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है। मैं टीम इंडिया के कोच बनने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मेरा लक्ष्य वही है जो हमेशा से रहा है, हर भारतीय को गौरवान्वित करना। 1.4 बिलियन भारतीयों के सपनों को साकार करने के लिए अपनी पूरी शक्ति से काम करूंगा!''
गंभीर ने 2003 में किया था अंतरराष्ट्रीय डेब्यू
गौतम गंभीर ने साल 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। टेस्ट में उन्होंने पहला मैच 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े में खेला था। वहीं, टी20 में गंभीर ने अपना पहला मैच 2007 में स्कॉटलैंड के खिलाफ खेला था।
2007 में भारत के लिए ओपनिंग करते हुए गंभीर ने कई अहम पारियां खेलीं। इनमें पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में मैच विनिंग 54 गेंद में 75 रन की पारी शामिल है। इसकी बदौलत ही टीम इंडिया पहले टी20 विश्व कप में चैंपियन बन गई थी।
2011 में भारत को वनडे चैंपियन बनने में बड़ा योगदान
इसके बाद गंभीर तीनों प्रारूप में भारत के नियमित खिलाड़ी बन गए। उनकी और सहवाग की ओपनिंग जोड़ी सुपरहिट रही। 2011 वनडे विश्व कप में टीम इंडिया सचिन-सहवाग के ओपनिंग जोड़ी के साथ मैदान पर उतरी। ऐसे में गंभीर को तीसरे नंबर पर खिलाया गया। 2011 के फाइनल मुकाबले में 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 31 रन पर सचिन-सहवाग दोनों के विकेट गंवा दिए थे। तब गंभीर संकटमोचक बनकर उभरे थे। उन्होंने कोहली के साथ 83 रन की साझेदारी निभाई और फिर धोनी के साथ मैच जिताऊ 109 रन की साझेदारी की। गंभीर की शानदार पारी के बदौलत ही भारत दूसरी बार विश्व चैंपियन बना।