Greg Chappel on Prithvi shaw: कभी भारतीय क्रिकेट के भविष्य के रूप में देखे जाने वाले पृथ्वी शॉ अब अपनी घरेलू टीम से भी बाहर हो गए हैं। पृथ्वी को हाल ही में अनुशासनहीनता और फिटनेस की वजह से मुंबई की रणजी टीम से बाहर कर दिया गया था। अब पृथ्वी को टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने वापसी के लिए गुरु मंत्र दिया है। चैपल ने शॉ को चिठ्ठी लिखकर वापसी के लिए अहम सलाह दी है। 

ग्रेग चैपल 2004-05 में तब के कप्तान सौरव गांगुली की सिफारिश पर ही भारतीय टीम के कोच बनाए गए थे। लेकिन, आगे चलकर उन्होंने ही गांगुली को पहले कप्तानी से हटवाया और फिर टीम से ही उनकी छुट्टी करा दी थी। अब उन्हीं चैपल ने शॉ के लिए चिठ्ठी लिखी है। 

चैपल ने अपनी चिठ्ठी में लिखा, पृथ्वी, मैं समझता हूं कि आप इस समय चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहे हैं, मुंबई टीम से बाहर हैं। निराश और शायद थोड़ा अनिश्चित महसूस करना स्वाभाविक है लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये क्षण अक्सर एथलीटों के लिए महत्वपूर्ण मोड़ होते हैं, जो उनके करियर और उनके चरित्र दोनों को आकार देने में मदद करते हैं।" 

शॉ ने अब तक भारत के लिए पांच टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने नवंबर 2018 में राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करते हुए शतक बनाया था, लेकिन उसके बाद कथित अनुशासनात्मक मुद्दों के कारण वे बाहर हो गए। चैपल ने हालांकि शॉ को याद दिलाया कि वह एक असाधारण प्रतिभा हैं और उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

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चैपल ने अपनी चिठ्ठी में आगे लिखा, "मुझे याद है कि मैंने तुम्हें भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए देखा था, जहां तुमने असाधारण प्रतिभा और जोश दिखाया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि तुम अपने समय के सबसे रोमांचक युवा क्रिकेटरों में से एक हो। हममें से जो तुम्हारी क्षमता को पहचानते हैं, वे अभी भी तुम्हारी यात्रा को उत्सुकता से देख रहे हैं यह जानते हुए कि तुम्हारा बेस्ट आना अभी बाकी है।" 

चैपल ने महान डॉन ब्रैडमैन और यहां तक ​​कि खुद को भी ऐसे क्रिकेटर के रूप में उदाहरण दिया, जिन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन फिर उन्होंने वापसी की। चैपल ने लिखा कि याद रखें, असफलताएं हर महान एथलीट की कहानी का हिस्सा होती हैं। यहां तक ​​कि डॉन ब्रैडमैन जैसे दिग्गजों को भी टीम से बाहर किए जाने और वापसी के लिए संघर्ष करने का अनुभव हुआ। उन्हें महान बनाने वाली बात चुनौतियों से बचना नहीं था, बल्कि यह थी कि उन्होंने चुनौतियों का कैसे जवाब दिया। मेरे अपने करियर में, टीम से बाहर किया जाना सबसे विनम्र लेकिन मूल्यवान अनुभवों में से एक था।