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Happy Birthday Sunil Gavaskar: भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर आज अपना 75वां बर्थडे मना रहे हैं। लिटिल मास्टर कहे जाने वाले इस दिग्गज भारतीय ने टीम के लिए 125 टेस्ट और 108 वनडे मुकाबले खेले हैं। बर्थडे स्पेशल में आज हम सुनील गावस्कर अनसुने किस्से के बारे में बता रहे हैं।

Happy Birthday Sunil Gavaskar: दुनिया के सबसे महान टेस्ट बल्लेबाजों में से एक भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर आज अपना 75वां बर्थडे मना रहे हैं। लिटिल मास्टर कहे जाने वाले इस दिग्गज भारतीय ने टीम के लिए 125 टेस्ट और 108 वनडे मुकाबले खेले हैं। गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10,000 रन का आंकड़ा छूने बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 34 शतकों की मदद से 10122 रन बनाए. वनडे में 3092 रन बनाए। आज हम आपको उनके जन्मदिन के मौके उनसे जुड़े कुछ अहम किस्से बताएंगे।

1. 10 घंटे से अधिक समय क्रीज पर डटे रहे गावस्कर 
क्रिकेट के मैदान से जुड़ा गावस्कर का एक यादगार किस्सा है। जब वह 10 घंटे से भी अधिक समय के लिए क्रीज पर जमे रहे थे. 1983 चेन्नई में खेले गए भारत और वेस्टइंडीज के आखिरी मुकाबले में गावस्कर ने 425 गेंदों में 236 रन की नाबाद पारी खेली थी, जो कि उनके टेस्ट करियर के बेस्ट स्कोर में से एक है। उन्होंने क्रीज पर 644 मिनट यानी की उन्होंने 10 घंटे से ऊपर का समय बिताया था। एक समय भारत के दो विकेट तो जीरो रन स्कोर पर गिर गए थे। लेकिन गावस्कर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए डबल सेंचुरी ठोक दी और मैच का ड्रॉ करा दिया।

2/ डेब्यू सीरीज में ही कर दी थी रनों की बारिश 
वेस्टइंडीज के खिलाफ गावस्कर को खेलना काफी रास आता है। 1971 में वेस्टइंडीज के दौरे पर गई भारतीय टीम ने सीरीज जीती थी. इस सीरीज में गावस्कर अपने करियर की पहली टेस्ट सीरीज खेल रहे थे। उन्होंने पार्ट ऑफ स्पेन में खेले गए सीरीज के आखिरी मैच की दूसरी पारी में रिकॉर्ड 220 रन की पारी खेली थी। उन्होंने 529 मिनट तक डटकर वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजों का सामना किया था। वहीं इस सीरीज में गावस्कर के बल्ले से 774 रन निकले थे। जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने ये सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली थी।  डेब्यू टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी गावस्कर ने अपने नाम कर लिया।

3. अंपायर के गलत आउट देने के निर्णय से हो गए थे काफी नाराज
1981 में खेले गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट मैच में अंपायर द्वारा आउट दिए जाने से गावस्कर काफी नाराज हो गए थे। तत्कालीन गावस्कर का मानना था कि गेंद उनकी पैड पर लगने से पहले उनके बल्ले पर लगी थी और वह नाखुश होकर पवेलियन की तरफ लौट गए थे। वहीं इस दौरान गावस्कर के कहने पर उनके साथी चेतन चौहान को भी पवेलियन की तरफ लौटने लगे थे और दोनों ही डगआउट की तरफ चलने लगे थे। हालांकि बाउंड्री के पास खड़े भारतीय टीम के मैनेजर शाहिद दुर्रानी ने चेतन चौहान को नए बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर के साथ बैंटिंग पर वापस लौटने के लिए कहा। बाद  में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

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