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IND vs AUS 3rd Test: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म हो चुका है। पिछली बार यहां ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ने वाली टीम इंडिया दबाव में है। ऑस्ट्रेलिया के 445 रन के जवाब में भारत ने 51 रन पर 4 विकेट गंवा दिए हैं। ऐसे में सवाल ये है कि क्या भारत इस बार गाबा में लाज बजा पाएगा। कहां टीम इंडिया चूकी।

India vs Australia 3rd Test day 3 Highlights: जिस गाबा में तीन साल पहले भारत ने इतिहास रचा था, उसी वेन्यू पर भारत इस बार लाज बचाने की लड़ाई लड़ रहा। इस टेस्ट में तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में 445 रन के जवाब में भारत के 51 रन पर 4 विकेट गिर चुके हैं। ये स्कोरलाइन कुछ और हो सकती थी अगर तीसरे दिन पूरा खेल होता। 

ब्रिसबेन टेस्ट के तीसरे दिन 33.1 ओवर का ही खेल हुआ। भारत ने 17 ओवर बल्लेबाजी की। कम से कम 8 बार बारिश के कारण खेल रुका और दोबारा शुरू हुआ। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया ने इसी दौर में भारत के 4 विकेट गिरा दिए। अब मैच में 2 दिन का पूरा खेल बाकी है और भारत अब भी ऑस्ट्रेलिया से पहली पारी के आधार पर 394 रन पीछे है। यहां से मैच बचाना तो दूर...फॉलोआन टालना ही बड़ी सफलता होगी और इसे हासिल करने के लिए मौसम की मेहरबानी के साथ ही बाकी बचे बल्लेबाजों को पराक्रम दिखाना होगा। 

चौथे दिन भारत जब बल्लेबाजी के लिए उतरेगा तो पहला लक्ष्य होगा फॉलोऑन टालना। उसके लिए टीम इंडिया को 246 रन तक पहुंचना होगा। अगर भारत ऐसा करने में सफल रहता है तो शायद मेलबर्न में दोनों टीमें बराबरी के साथ ही उतरें। क्योंकि गाबा में अगले दो दिन भी बारिश की आशंका है। ऐसे में इस टेस्ट में ड्राइविंग सीट पर बैठे ऑस्ट्रेलिया की नजर इस बात पर होगी कि कैसे टीम इंडिया को बाकी बचे 394 रन के भीतर दोनों पारियों में आउट करें और इस टेस्ट को पारी के अंतर से जीतें। हालांकि, इसके लिए मौसम का साथ मिलना जरूरी है। 

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भारत को आगे क्या करना होगा?
भारत के लिए ब्रिसबेन में अब जीत का सोचना तो बेमानी है...मैच अगर बचा लिया तो वही जीत होगी। ऐसा करने के लिए भारत को चौथे दिन इस इरादे से उतरना होगा कि वो पहली बाधा यानी फॉलोऑन के स्कोर को पार करे। भारत को फॉलोऑन टालने के लिए 195 रन की दरकार है। रोहित शर्मा और केएल राहुल क्रीज पर हैं। इस सीरीज में राहुल अच्छे रंग में दिखे हैं।

उन्होंने गाबा टेस्ट में भी अबतक अच्छी बल्लेबाजी की। भारत के 51 में से 33 रन राहुल के बल्ले से ही निकले हैं। वो गेंद के स्विंग को कवर करके बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसे में राहुल को चौथे दिन आखिर तक टिके रहना होगा। 

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दूसरे छोर से रोहित शर्मा को भी मैराथन पारी खेलनी होगी। रोहित के लिए अब तक ऑस्ट्रेलिया दौरा अच्छा नहीं रहा। पर्थ में वो नहीं खेले थे। लेकिन, एडिलेड में 6 नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे रोहित दोनों पारियों में नाकाम रहे थे। ब्रिसबेन में मौका और दस्तूर दोनों हैं। टीम संकट में है और अगर मैच बचाना है तो रोहित को कप्तानी पारी खेलनी ही होगी। सिर्फ रोहित, राहुल से काम की बल्लेबाजी से काम नहीं चलेगा।

जिस तरह ऑस्ट्रेलिया के आखिरी 3 बल्लेबाजों ने तीसरे दिन स्कोर में 40 रन जोड़े और अपनी टीम के स्कोर को 405/7 से 445 रन तक पहुंचाया। ठीक उसी तरह भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों को भी दमखम दिखाना होगा। इस टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर नहीं खेल रहे। ऐसे में नीतीश रेड्डी और रवींद्र जडेजा पर पूरा दारोमदार होगा। रेड्डी ने तो अबतक इस सीरीज में बल्लेबाजी से काफी प्रभावित किया है और जडेजा पहला टेस्ट खेल रहे। ऐसे में उन्हें बल्ले से दम दिखाना होगा। 

भारत से गाबा में कहां हुई चूक?
भारत की गाबा टेस्ट में शुरुआत अच्छी हुई थी। रोहित शर्मा ने ओवरकास्ट कंडीशन में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था, जिसे मौसम को देखते ही सही माना जाएगा। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों उस्मान ख्वाजा और नाथन मैकस्वीनी ने पहले दिन नई गेंद का डटकर सामना किया। पहले दिन केवल 13.2 ओवर का ही खेल हो सका। लेकिन, इस जोड़ी ने विकेट नहीं गिरने दिए। दूसरे दिन भले ही इन दोनों को बुमराह ने जल्दी आउट कर दिया। लेकिन, ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ ने ऐसा खूंटा गाड़ा कि मैच को भारत से दूर ले गए। 

हेड को आउट करने में नाकाम रही टीम इंडिया
जसप्रीत बुमराह ने लगातार ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपनी लाइन लेंथ से दबाव में रखा। लेकिन, दूसरे छोर से मोहम्मद सिराज और आकाश दीप लगातार ऐसा करने में नाकाम रहे। 75 रन पर ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट गिराने के बाद भी भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया पर शिकंजा नहीं कस पाए। भारत के पास ट्रेविस हेड को लेकर कोई प्लान नहीं था। हेड ने खुलकर बल्लेबाजी की और 115 गेंद में शतक ठोक दिया।

हेड के खिलाफ भारत ने बहुत ज्यादा शॉर्ट गेंदों का इस्तेमाल किया। लेकिन, किस लेंथ पर शॉर्ट गेंद फेंकनी है, वो काम नहीं किया। इसी वजह से हेड ने शॉर्ट गेंदों पर खूब रन बटोरे। स्मिथ और हेड के बीच चौथे विकेट के लिए 241 रन की पार्टनरशिप हुई और इसने ही पूरा मैच बदल दिया। भारत इस साझेदारी को तोड़ने में नाकाम रहा और ये सबसे बड़ी चूक रही। 

बुमराह को दूसरे छोर से नहीं मिला सपोर्ट
दूसरे दिन के आखिरी के कुछ ओवरों में बुमराह ने 12 गेंद के भीतर हेड, मार्श और स्मिथ को आउट कर भारत की वापसी तो कराई लेकिन तब तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 330 रन के करीब पहुंच गया था। हेड जब आउट हुए, तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 6 विकेट पर 327 रन था, इसके बाद कंगारू टीम ने आखिरी 4 विकेट गंवाने में 118 रन और जोड़ लिए। बुमराह ने 6 विकेट लिए जबकि सिराज और आकाश दीप छाप छोड़ने में नाकाम रहे। जबकि भारतीय टॉप ऑर्डर के 4 बैटर 51 रन के भीतर ही पवेलियन लौट गए। यानी ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों पर भारी पड़े। 

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