Pakistan vs Bangladesh Test : बांग्लादेश के खिलाफ रावलपिंडी टेस्ट में पाकिस्तान एक समय मुश्किल में था लेकिन मोहम्मद रिजवान और सऊद शकील के बीच 200 से अधिक रन की साझेदारी ने मेजबान को संकट से उबारा। लेकिन, रिजवान को इसका ऐसा इनाम मिला, जिसके बारे में उन्होंने शायद ही सोचा होगा। दरअसल, रिजवान जब 171 रन पर खेल रहे थे,तब कप्तान शान मसूद ने पारी घोषित कर दी। रिजवान उस वक्त तेजी से खेल रहे थे। मैच का दूसरा ही दिन था। उम्मीद थी कि वो अपना पहला दोहरा शतक जल्दी ही पूरा कर लेंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ
रिजवान अपने पहले दोहरे शतक से सिर्फ 29 रन दूर थे। इसी वजह से ये सवाल उठ रहे कि क्या कप्तान पारी घोषित करने के लिए थोड़ा और रुक सकते थे। हालांकि, पाकिस्तान के उपकप्तान सऊद शकील, जिन्होंने इस टेस्ट में 141 रन की पारी खेली उन्होंने अपने कप्तान के फैसले का बचाव किया। शकील ने कहा कि टीम ने पहले ही पारी घोषित करने का समय तय कर लिया था और रिजवान को बताया गया था कि जब टीम 450 के करीब पहुंचेगी, तब वे पारी घोषित करने का फैसला करेंगे।
पारी घोषित करने के बारे में रिजवान को पता था: शकील
शकील ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर कहा, "जहां तक रिजवान भाई के दोहरे शतक की बात है, मुझे नहीं लगता कि हमने पारी घोषित करने का फैसला लेने में कोई जल्दबाजी की। रिजवान भाई को एक-डेढ़ घंटे पहले ही अंदाजा हो गया था कि हम इस समय के आसपास पारी घोषित करेंगे, हम पारी घोषित करने से पहले 450 के करीब पहुंचने की कोशिश करेंगे।"
रावलपिंडी टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने 9 ओवर के अंदर ही तीन विकेट खो दिए थे। सलामी बल्लेबाज असद शफीक (9), शानमसूद (6) और पूर्व कप्तान बाबर आजम (0) जल्दी आउट हो गए थे। लेकिन सैम अयूब और रिजवान ने चौथे विकेट के लिए 98 रनों की साझेदारी करके टीम को स्थिरता प्रदान की। अयूब ने आउट होने से पहले 56 रन बनाए।
इसके बाद रिजवान और शकील के बीच विशाल साझेदारी हुई और दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 240 रन जोड़कर पाकिस्तान को मजबूत स्थिति में ला दिया। बांग्लादेश के लिए हसन महमूद (2/70) और शोरफुल इस्लाम (2/77) ने दो-दो विकेट लिए, जबकि मेहदी हसन मिराज (1/80) और शाकिब अल हसन (1/100) ने एक-एक विकेट लिया।
जवाब में, बांग्लादेश ने 12 ओवर में 27/0 रन बना लिए थे। इसमें शादमान इस्लाम (12*) और जाकिर हसन (11*) नाबाद लौटे थे।
रिजवान के दोहरे शतक से चूकने ने 20 साल पहले सचिन तेंदुलकर से जुड़ी एक घटना याद दिला दी। तब भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी और सचिन 194 रन पर खेल रहे थे। उन्हें दोहरे शतक के लिए 6 रन की दरकार थी। लेकिन, कप्तान राहुल द्रविड़ ने सचिन को डबल सेंचुरी पूरी करने का मौका नहीं दिया। इसके बाद द्रविड़ की काफी आलोचना हुई थी। ये टेस्ट पाकिस्तान के मुल्तान में खेला गया था।