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champions trophy 2025: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने खुलासा किया है कि टखने की चोट के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया था, जब उन्हें ये लग रहा था कि वो शायद अब कभी दोबारा भारत के लिए नहीं खेल पाएंगे। लेकिन, मजबूत हौसले के दम पर उन्होंने वापसी की।

champions trophy 2025: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने चोट, रिहैब और संघर्ष के लंबे दौर से गुजरने के बाद एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी कर ली है। वो चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय गेंदबाजी की अगुआई करेंगे। लेकिन शमी के लिए कमबैक आसान नहीं रहा। 2023 वनडे वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद वह 14 महीनों तक मैदान से दूर रहे। उनकी वापसी सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी मैचों के जरिए धीरे-धीरे हुई।

भारतीय टीम ने भी मोहम्मद शमी को जल्दबाजी में वापसी नहीं की। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में आराम दिया गया और फिर इंग्लैंड के खिलाफ टी20 और वनडे मैचों में उन्हें शामिल किया गया। अब एक और आईसीसी टूर्नामेंट के लिए तैयार शमी अपनी वापसी से खुश हैं। उन्होंने बीसीसीआई के एक वीडियो में कहा, 'वर्ल्ड कप में बेहतरीन फॉर्म में रहने के बाद अचानक ऑपरेशन टेबल पर जाना मेरे लिए बहुत कठिन था। मेरा पहला सवाल डॉक्टर से यही था कि मैं कितने दिनों में मैदान पर लौट सकता हूं। उन्होंने कहा कि पहले तुम्हें चलना सीखना होगा, फिर दौड़ना और उसके बाद क्रिकेट के बारे में सोचना।'

मुझे वापसी को लेकर संदेह था: शमी
भारत-बांग्लादेश मैच से पहले शमी ने कहा, 'जो खिलाड़ी हमेशा मैदान पर दौड़ता रहता है, वह अचानक बैसाखियों पर आ जाए तो कई विचार दिमाग में आते हैं। क्या मैं फिर से खेल पाऊंगा? क्या मैं बिना लंगड़ाए चल पाऊंगा? पहले दो महीनों तक मेरे मन में यह संदेह बना रहा कि क्या मैं दोबारा खेल सकूंगा।'

बीसीसीआई के एक वीडियो में शमी ने बताया कि लंबे समय तक चोट से बाहर रहने पर किसी भी खिलाड़ी के मन में डर बैठ सकता है। जब उन्हें फिट घोषित किया गया और उन्होंने पहली बार दौड़ना शुरू किया, तो उन्हें फिर से चोट लगने का डर था। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पुरानी लय वापस पाई।

इंग्लैंड के खिलाफ दो वनडे में वह अपनी पूरी लय में नहीं दिखे, लेकिन उनकी सीम पोजिशन शानदार रही। भारतीय टीम को उम्मीद होगी कि वह 15 महीने पहले जहां से छोड़ा था, वहीं से आगे बढ़ें।

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