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Jay Shah: जय शाह भले ही आईसीसी के चेयरमैन बन गए लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनके पक्ष में वोट नहीं किया।

Jay Shah: जय शाह ने क्रिकेट प्रशासक के रूप में अब तक की सबसे बड़ी छलांग लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरमैन पद पर बैठ गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जय शाह को 16 में से 15 क्रिकेट बोर्डों का समर्थन मिला। यानी 15 बोर्डों ने जय शाह के पक्ष में वोट डाले, लेकिन एक बोर्ड ऐसा भी था जो वोटिंग प्रक्रिया के दौरान मूक दर्शक बना रहा। 

36 साल की उम्र में जय शाह मंगलवार को निर्विरोध रूप से आईसीसी के नए चेयरमैन घोषित किए गए। वह 1 दिसंबर को वर्तमान चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे। वह आईसीसी के सबसे युवा चेयरमैन भी बन गए हैं। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 क्रिकेट बोर्डों में से 15 बोर्डों ने जय शाह के पक्ष में वोट दिया। जबकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने वोट का यूज ही नहीं किया, बल्कि बोर्ड की तरफ से मौजूद अधिकारी मूकदर्शक बने रहें। वहीं, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे मजबूत क्रिकेट बोर्डों ने जय शाह को पूरा समर्थन दिया। हालांकि पाकिस्तान के वोट नहीं देने से शाह की नियुक्ति में किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ा।  

चुनावी प्रक्रिया से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि पीसीबी की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया। बोर्ड पूरी प्रकिया के दौरान मूकदर्शक की भूमिका में बना रहा। वहीं, आईसीसी के चेयरमैन बनने पर जय शाह ने वादा किया कि वह क्रिकेट को और अधिक वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2024 में क्रिकेट को शामिल किए जाने के महत्व के बारे में भी बात की।

जय शाह ने कहा कि मैं क्रिकेट को और अधिक वैश्वीकृत करने के लिए आईसीसी टीम और हमारे सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं, जहां कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व को संतुलित करना, उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा देना और हमारे प्रमुख कार्यक्रमों को नए वैश्विक बाजारों में पेश करना तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है। शाह ने एक बयान में कहा कि हमारा लक्ष्य क्रिकेट को पहले से कहीं अधिक समावेशी और लोकप्रिय बनाना है।

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