Rachin Ravindra: न्यूजीलैंड ने बेंगलुरु टेस्ट में भारत को आखिरी दिन 8 विकेट से हराया। ये न्यूजीलैंड की 1988 के बाद भारत में पहली टेस्ट जीत है। न्यूजीलैंड की इस यादगार जीत में भारतीय मूल के रचिन रविंद्र का बड़ा हाथ रहा। उन्होंने पहली पारी में शतक ठोकने के साथ ही दूसरी पारी में भी 39 रन जोड़े और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। मैच के बाद रचिन ने खुलासा किया कि उन्होंने भारत को हराने के लिए क्या-क्या जतन किए थे। 

न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रविंद्र ने खुलासा किया कि कैसे चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के नेट सेशन से उन्हें बेंगलुरु के एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल ढलने में मदद मिली।

चेन्नई में ट्रेनिंग काम आई: रचिन
रचिन रविंद्र ने कहा, "जब आपको उपमहाद्वीप में 6 टेस्ट खेलने होते हैं तो आप अतिरिक्त मेहनत करते हैं - घर के अंदर, कुछ मैट बिछाते हैं, या बाहर जाकर कुछ ट्रेनिंग करते हैं। सौभाग्य से, आज यह सब काम कर गया। चेन्नई में तैयारी करते समय मैं अलग-अलग पिचों, लाल और काली मिट्टी का अनुभव लेने की कोशिश कर रहा था और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि मैं किस स्थिति में आ सकता हूं और अलग-अलग गेंदबाजों के लिए मैं किस तरह से सामना कर सकता हूं।"

रचिन ने आगे कहा, "चेन्नई में शानदार सेटअप था। अलग-अलग विकेट, हर दिन नेट्स, हर दिन नए नेट गेंदबाज, अमूल्य अनुभव। उन लोगों के लिए आभारी हूं जिन्होंने इसमें मदद की। मैं स्कोर करने में सक्षम होने के लिए अच्छी स्थिति में रहने की कोशिश करता हूं।"

भारत आने से पहले न्यूजीलैंड ने श्रीलंका के खिलाफ भी 2 टेस्ट खेले थे और एक मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ भी था, जो बारिश में धुल गया था। रचिन रविंद्र इन टेस्ट मैचों के लिए काफी पहले ही भारत में तैयारी के लिए आ गए थे। उन्होंने सितंबर में चेन्नई सुपर किंग्स के हाई परफॉरमेंस सेंटर में ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। वह कंडीशन और पिच के मुताबिक खुद को तैयार करने के भारत आए थे और भारत के खिलाफ उनकी ये तैयारी काम आ गई। 

इससे पहले, उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ गॉल में खेले गए पहले टेस्ट में भी 92 रन की जुझारू पारी खेली थी। ये अलग बात है कि न्यूजीलैंड ये टेस्ट हार गया था।