Ravichandran Ashwin Retirement: ऑफ स्पिनर आर अश्विन के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच अचानक संन्यास लेकर घर लौटने पर पिता रविचंद्रन ने बड़ा खुलासा किया है। पिता ने कहा कि अश्विन का अपमान हो रहा था और वो कबतक इसे बर्दाश्त करते, इसी कारण से शायद संन्यास का अचानक फैसला ले लिया। पिता ने कहा कि वो चाहते थे कि अश्विन अभी और खेले लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 

आर अश्विन के पिता रविचंद्रन ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मुझे भी आखिरी समय में (उनके रिटायरमेंट के बारे में) पता चला। रिटायर होना उनकी इच्छा और चाहत है, मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह कहा, उसके कई कारण हो सकते हैं।' केवल अश्विन ही जानते हैं, शायद अपमान के कारण ऐसा हुआ हो।' गाबा टेस्ट के बाद जब अश्विन ने संन्यास की चौंकाने वाली घोषणा की तो क्या परिवार भावुक था, इस सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही।

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अश्विन का अपमान हो रहा था: पिता
आर अश्विन गाबा टेस्ट के बाद संन्यास की घोषणा करने के फौरन बाद ही देश लौट आए। वो गुरुवार सुबह ही चेन्नई लौटे और सीधे घर पहुंचे। ऑफ स्पिनर के पिता ने आगे कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है (परिवार के लिए यह भावनात्मक क्षण है) क्योंकि वह 14-15 साल तक मैदान पर था। अचानक हुए बदलाव, संन्यास ने हमें वाकई चौंका दिया। साथ ही, हम इसकी उम्मीद भी कर रहे थे क्योंकि अपमान हो रहा था। वह कब तक इन सब चीजों को बर्दाश्त कर सकता है? शायद, उसने खुद ही फैसला कर लिया होगा।'

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अश्विन ने अचानक संन्यास लिया
अश्विन के पूरे करियर के दौरान, पिता रविचंद्रन उनके लिए सबसे मजबूत पिलर की तरह थे। क्लब क्रिकेट में तेज गेंदबाज रहे रविचंद्रन ने अपने बेटे से क्रिकेट खेलने का आग्रह किया। जब अश्विन ने राज्य की रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाने के प्रयास में एक युवा बल्लेबाज से ऑफ स्पिनर बनने का फैसला किया, तो उनके पिता ने उनका समर्थन किया था। हालांकि रविचंद्रन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अश्विन सीनियर राष्ट्रीय टीम के साथ और अधिक समय तक बने रहेंगे, लेकिन उन्होंने अपने बेटे की पसंद को भी स्वीकार कर लिया है।

पिता ने कहा कि अश्विन के दिमाग में क्या चल रहा था, मुझे नहीं पता। उन्होंने बस घोषणा कर दी। मैंने भी इसे पूरी खुशी के साथ स्वीकार कर लिया। मेरे मन में इसके लिए कोई भावना नहीं थी। लेकिन जिस तरह से उन्होंने संन्यास की घोषणा की, उससे एक तरफ मैं बहुत खुश था, दूसरी तरफ मैं खुश नहीं था, क्योंकि उन्हें खेलना जारी रखना चाहिए था।