India vs Bangladesh Gwalior T20I: भारत और बांग्लादेश के बीच इस रविवार से 3 टी20 की सीरीज खेली जाएगा। पहला मैच ग्वालियर में होगा। इस शहर में 14 साल के वनवास के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो रही।

 पिछला इंटरनेशनल मैच इस शहर में 24 फरवरी, 2010 को खेला गया था। उस मैच को शायद ही कोई क्रिकेट फैन भूला होगा क्योंकि उस दिन सचिन तेंदुलकर ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे का पहला दोहरा शतक ठोका था। हालांकि, तब मुकाबला ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया था। रूप सिंह हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के छोटे भाई थे और इस बार भारत-बांग्लादेश की टक्कर नए बने माधव राव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में होगी। इन 14 सालों में ग्वालियर को नया स्टेडियम मिल गया है। लेकिन, इस शहर से क्रिकेट इतिहास का ऐसा हिस्सा जुड़ा है, जो शायद ही कभी मिटेगा। 

इसी वजह से आज जब ग्वालियर में 14 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो रही, तो सचिन की उस पारी और इस स्टेडियम की कहानी आपको जरूर जान लेनी चाहिए। पिछले साल रूप सिंह स्टेडियम में ईरानी ट्रॉफी खेली गई थी। 

सचिन तेंदुलकर के दोहरे शतक के गवाह रहे मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के स्कोरर सुनील गुप्ता ने रूप सिंह स्टेडियम को लेकर कहा, क्रिकेट के भगवान ने यहां इतिहास लिखा था। उस मैच की स्कोरशीट आज भी कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम के रिस्पेशन एरिया में चस्पा है।

सुनील गुप्ता ने बताया, "मुझे वो मुकाबला याद है। सचिन 186 रन पर खेल रहे थे और भारतीय पारी का 43वां ओवर चल रहा था। इसके बाद वो धीमे पड़ गए और महेंद्र सिंह धोनी ने बड़े शॉट्स लगाने शुरू कर दिए। 49वें ओवर में धोनी ने सभी 6 गेंद खेल ली और आखिरी गेंद पर सिंगल ले लिया। मैं क्या, उस समय सभी यही चिल्ला रहे थे कि यार एक रन बना लेने दो। आखिरी ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने छक्का मारा और फैंस इसे लेकर बहुत खुश नहीं थे।" 

गुप्ता ने आगे कहा कि जैसे ही धोनी ने आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर सिंगल लिया फैंस का शोर सुनने लायक था और तीसरी गेंद पर सचिन ने 200 रन का आंकड़ा पार किया तो मेरे अलावा फैंस की आंखों में भी आंसू आ गए थे। मुझे लगता कि ये आखिरी बार था जब मैं रोया था और यही आखिरी बार था, जब ग्वालियर में इंटरनेशनल मैच खेला गया था। अब दोबारा इस शहर में क्रिकेट वापस आ रहा। अपना वनवास पूरा करने के बाद। 

बता दें कि भारत ने उस मुकाबले में 401 रन बनाए थे और उस टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम 248 रन पर ढेर हो गई थी। भारत ने ये मुकाबला 153 रन से जीता था।