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Shan masood statement: पाकिस्तान अपने ही बुने जाल में फंस गया और वेस्टइंडीज के खिलाफ उसे 1990 के बाद अपने घर में टेस्ट गंवाना पड़ा। मुल्तान में खेले गए दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान को 254 रन का टारगेट मिला था लेकिन तीसरे दिन ही पाकिस्तान टीम 133 रन पर ऑल आउट हो गई और 120 रन से टेस्ट हार गई। इसके साथ ही कैरेबियाई टीम ने 2 टेस्ट की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली। इस सीरीज का पहला टेस्ट भी मुल्तान में खेला गया था, जिसे पाकिस्तान ने 127 रन से जीता था। 

अपने घर में मिली हार से पाकिस्तान के कप्तान शान मसूद भड़क गए। इस टेस्ट के पहले दिन पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज के 54 रन पर 8 विकेट गिरा दिए थे। लेकिन, इसके बाद वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों को पाकिस्तान आउट नहीं कर पाया और कैरेबियाई टीम ने पहली पारी में 164 रन का स्कोर खड़ा कर दिया। पाकिस्तान को ये भारी पड़ा। 

वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में नाकाम रहने से जुड़े सवाल पर शान मसूद ने कहा, 'हां, उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन हमें भी सीखना होगा। यह एक आदत बन गई है [निचले क्रम को रन बनाने देना], यह दक्षिण अफ्रीका में भी हुआ था।'

विकेट में बदलाव से जुड़े सवाल पर मसूद ने कहा, 'हमने 4 में से तीन टेस्ट इसी तरह के विकेट पर जीते हैं लेकिन जिस मैच में हम हारे हैं, उसमें भी पहले दिन हम मजबूत स्थिति में थे, शायद तब और भी बेहतर जब हमने उनके आठ विकेट झटक लिए थे। एक खराब प्रदर्शन का कोई खास असर नहीं हो सकता। हमें अभी भी बहादुर बनना होगा और परिस्थितियों को दोहराना होगा। जब हम असफल होते हैं, तब भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अब हम एक टीम के रूप में महसूस करते हैं कि एक अतिरिक्त विकेट, एक अतिरिक्त साझेदारी, खेल पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकती है।'