IND vs IRE Women: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आयरलैंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए तीसरे वनडे में इतिहास रच दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए स्मृति मंधाना की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 50 ओवर में 5 विकेट पर 435 रन बनाए। ये मेंस और वुमेंस दोनों के वनडे इतिहास में भारत का सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले, भारत की तरफ से वनडे में सबसे बड़ा स्कोर 418 रन था, जो मेंस टीम ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। अब महिला टीम इससे आगे निकल गई।
इससे पहले, भारतीय महिला वनडे का वनडे में सबसे बड़ा स्कोर 370 रन था, जो भारत ने आयरलैंड के खिलाफ इस सीरीज के पिछले मैच में ही बनाया था। ये ओवरऑल महिला वनडे का चौथा सबसे बड़ा स्कोर है। इतना ही नहीं, आयरलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान भारत की तरफ से कुल 48 चौके और 9 छ्क्के लगे यानी 57 बाउंड्री।
ये महिला वनडे की एक पारी में तीसरी सबसे अधिक बाउंड्री की संख्या है। महिला वनडे में सबसे अधिक बाउंड्री जड़ने का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड की महिला टीम के नाम है। न्यूजीलैंड ने डबलिन में 2018 में आयरलैंड के खिलाफ 71 बाउंड्री ठोकी थी। इसी सीरीज में ही न्यूजीलैंड ने आयरलैंड के खिलाफ एक मैच में 59 बाउंड्री जड़ी थी।
मंधाना-प्रतिका ने पहले विकेट के लिए 233 रन जोड़े
भारत और आयरलैंड के बीच खेले गए तीसरे वनडे की अगर बात करें तो टॉस जीतकर भारत ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया था। स्मृति मंधाना ने सबसे तेज शतक ठोक भारत के लिए बड़े स्कोर की नींव रखी। उन्होंने महज 70 गेंद में शतक ठोक, हरमनप्रीत कौर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। हरमनप्रीत ने 87 गेंद में शतक ठोका था। स्मृति ने अपनी 80 गेंद में 135 रन की पारी में 12 चौके और 7 छक्के मारे और एक पारी में सबसे अधिक छक्के मारने के मामले में हरमनप्रीत की बराबरी की।
मंधाना ने भारत के लिए सबसे तेज शतक ठोका
मंधाना की सलामी जोड़ीदार प्रतिका रावल ने 100 गेंदों में अपना पहला वनडे शतक पूरा किया और 129 गेंदों पर 154 रन बनाए। इस प्रारूप में उनसे अधिक व्यक्तिगत स्कोर केवल दो भारतीय बल्लेबाजों का है- दीप्ति शर्मा (188) और हरमनप्रीत (171*)। मंधाना और रावल ने पहले विकेट के लिए 233 रन जोड़े, जो वनडे में भारत के लिए तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है। तीसरे ओवर में ही रावल ने ओर्ला प्रेंडरगैस्ट को तीन चौके लगाकर जीत की राह खोल दी थी। छठे ओवर के अंत तक, वह छह चौकों की मदद से 25 गेंदों पर 29 रन बना चुकी थी।
प्रतिका ने अपना पहला वनडे शतक जमाया
मंधाना के पास तब तक ज़्यादा स्ट्राइक नहीं थी। सातवें ओवर में उन्हें जीवनदान भी मिला, जब विकेटकीपर क्रिस्टीना कूल्टर रीली, बाहरी किनारे को पकड़ने में विफल रहीं। उस समय मंधाना 13 गेंदों पर 12 रन बना चुकी थीं लेकिन उसके बाद उन्होंने आक्रामक बल्लेबाजी की और उसी ओवर में कैली को दो चौके लगाए। सीमर के अगले ओवर में मंधाना ने उन्हें दो छक्के और एक चौका लगाया। मंधाना और रावल ने 13वें ओवर में 100 रन पूरे किए। यह उनकी चौथी शतकीय साझेदारी थी, जिसमें उन्होंने 6 पारियों में ओपनिंग की है। इसके तुरंत बाद मंधाना ने 39 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। रावल ने भी ऐसा ही किया; उन्होंने 52 गेंदों पर फिफ्टी पूरी की। यह छह वनडे मैचों में उनका चौथा प्लस स्कोर था।
भारत ने वनडे में अपना सबसे बड़ा स्कोर ठोका
मंधाना ने इसके बाद ऐसे गियर बदले कि लगा कि वो मैच नहीं प्रैक्टिस कर रहीं। वो करीब-करीब हर गेंद को बाउंड्री के पार भेजने की कोशिश कर रहीं थीं। आयरलैंड की बेतरतीब गेंदबाजी और खराब ग्राउंड फील्डिंग ने उनकी मदद की। उनका दबदबा इतना था कि उन्होंने रावल को काफी पीछे छोड़ दिया। जब उन्होंने 70 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया, तब रावल 69 गेंदों पर सिर्फ 72 रन बनाकर खेल रहीं थीं।
मंधाना 135 रन बनाकर आउट हुईं लेकिन इससे आयरलैंड को कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद ऋचा घोष को तीन नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। उन्होंने 42 गेंदों में 59 रन ठोक डाले। ऋचा और प्रतिका रावल ने 12 ओवर में 104 रन जोड़े। अपना शतक पूरा करने के बाद प्रतिका ने भी गियर बदले और अगली 29 गेंद में 54 रन ठोक डाले। 154 रन की पारी के साथ ही वो 6 वनडे पारियों में सबसे अधिक रन बनाने वाली बैटर बन गईं। अब उनके नाम 444 रन हो गए। इसके बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वनडे में 400 रन का आंकड़ा पार किया।