Sunil Gavaskar on team india struggling against spinners : भारत को अपने घर में न्यूजीलैंड के हाथों 3 टेस्ट की सीरीज में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा। पूरी सीरीज में भारतीय बैटर्स कीवी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। रोहित शर्मा, विराट कोहली के अलावा बाकी बैटर्स भी स्पिन गेंदबाजों के आगे घुटने टेकते दिखे। आखिर क्यों भारतीय बैटर्स टेस्ट में स्पिन गेंदबाजों के सामने फेल हो रहे। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इसकी वजह बताई है। 

हाल ही में सुनील गावस्कर ने स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ भारत की परेशानी के पीछे की वजह का खुलासा किया और बताया कि कैसे सफेद गेंद वाले क्रिकेट ने उनकी तकनीक को प्रभावित किया। गावस्कर ने कहा कि कैसे बहुत अधिक व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलने से बल्लेबाजों को हल्के हाथों से खेलने की आदत छूट गई। इसी वजह से स्पिन और सीमिंग विकेट पर भारतीय बैटर्स संघर्ष कर रहे। 

हल्के हाथों से खेलने की आदत डालनी होगी:गावस्कर
गावस्कर ने कहा, "हाँ, मुझे लगता है कि हल्के हाथों से नहीं खेलने की वजह से दिक्कतें हो रही। व्हाइट बॉल क्रिकेट बल्लेबाजों को हल्के हाथों से खेलने की बहुत आजादी नहीं देता है। व्हाइट बॉल क्रिकेट में आप गेंद को ताकत से मारते हैं। ऐसे में वो विकेट जहां गेंद घूम रही या सीम कर रही, तो फिर दिक्कत हो रही। मुझे लगता है कि आपको कम से कम एक हाथ ऐसा रखना चाहिए जहां आप गेंद के उछाल को हल्के हाथों से एडजेस्ट कर सकें। 

गावस्कर ने आगे कहा कि हल्के हाथ खेलने से आप बल्ले की गति को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे अभी जो गेंद बल्ले का किनारा लेकर सीधे स्लिप फील्डर के हाथों में जा रही, वो इधर-उधर गिर सकती है। इसलिए बैट स्पीड को कंट्रोल में करने के लिए आपको ऐसा करना ही होगा। भारत पहले के मुकाबले अब टेस्ट क्रिकेट कम खेल रहा और व्हाइट बॉल क्रिकेट ज्यादा हो रही। 

भारतीय बैटर्स 2021 से घर में स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करते नजर आ रहे। विराट कोहली का 2019 तक घर पर औसत 68.42 था जो 2021 से गिरकर 29.92 हो गया। कप्तान रोहित शर्मा (88.33 से 35.58) और केएल राहुल (44.25 से 29.33) के औसत में भी काफी गिरावट आई है। इसलिए, न्यूजीलैंड से हारने के बाद एशियाई दिग्गजों को अपने घरेलू दबदबे को दोबारा बनाने के लिए चीजों को जल्दी से बदलने की जरूरत है।