syed abid ali dies: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर सैयद आबिद अली का 83 साल की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनके निधन पर शोक जताया और कहा कि वे खेल की सच्ची भावना के प्रतीक थे।
सैयद आबिद अली का जन्म 9 सितंबर 1941 को हैदराबाद में हुआ था। वे अपने समय के बहुआयामी क्रिकेटरों में से एक थे। वे मध्यम गति के गेंदबाज, निचले क्रम के प्रभावी बल्लेबाज और एक शानदार फील्डर थे।
1959 में उन्होंने विकेटकीपर के रूप में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया और बाद में एक ऑलराउंडर गेंदबाज के रूप में खुद को स्थापित किया। उन्होंने 1967 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने 6/55 का शानदार प्रदर्शन किया था, जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़ा रहा।
कैसा रहा आबिद अली का क्रिकेट करियर
आबिद अली ने भारत के लिए 29 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले। उन्होंने 1,018 टेस्ट रन बनाए और 47 विकेट लिए। वे 1968 में न्यूजीलैंड और 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ओपनिंग बल्लेबाज के रूप में खेले। 1971 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत में उनकी भूमिका अहम रही। उनके शानदार क्षेत्ररक्षण, बल्लेबाजी और गेंदबाजी ने भारत को इन श्रृंखलाओं में सफलता दिलाने में मदद की।
क्रिकेट से संन्यास के बाद क्या किया
संन्यास के बाद आबिद अली ने कोचिंग में अपना करियर बनाया। उन्होंने हैदराबाद की जूनियर टीम को प्रशिक्षित किया और फिर 1980 के दशक में अमेरिका चले गए। उन्होंने मालदीव और यूएई में कोचिंग की और 2001-02 रणजी ट्रॉफी सीजन में आंध्र प्रदेश टीम को साउथ जोन लीग जीतने में मदद की।
बीसीसीआई ने भी निधन पर जताया शोक
बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने आबिद अली के निधन पर शोक जताते हुए कहा, 'सैयद आबिद अली एक सच्चे ऑलराउंडर थे। 1970 के दशक में भारत की ऐतिहासिक जीत में उनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता।'
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा, 'उनकी ऑलराउंड प्रतिभा और भारतीय क्रिकेट में योगदान अमूल्य था। वे खेल के सच्चे सज्जन थे। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं।'
भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों और उनके पूर्व साथियों ने भी सोशल मीडिया पर शोक संदेश साझा किए। सैयद आबिद अली का निधन भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी क्रिकेटीय प्रतिभा और कोचिंग योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।