What is Dead Ball Rule in Cricket: भारत को महिला टी20 विश्व कप 2024 के अपने पहले मुकाबले में न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में एक डेड बॉल को लेकर बड़ा बवाल हो गया। यहां तक कि मुकाबले को 7 मिनट तक रोकना भी पड़ गया। आखिर क्यों ये बवाल हुआ, क्रिकेट में डेड बॉल का नियम क्या है? क्या भारत के साथ नाइंसाफी हुई? आइए इसे समझते हैं।
पहले तो ये बताते हैं कि आखिर डेड बॉल का विवाद शुरू कहां से हुआ। दरअसल, न्यूजीलैंड की पारी के 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर एमेलिया केर ने लॉन्ग ऑफ की तरफ शॉट खेला। केर और सोफी डिवाइन ने दौड़कर एक रन पूरा कर लिया। लॉन्ग ऑफ पर हरमनप्रीत कौर फील्डिंग कर रहीं थीं और उन्होंने गेंद हाथ में पकड़कर रखी थी। इसी दौरान केर और डिवाइन ने दूसरे रन के लिए दौड़ लगा दी।
रनआउट को लेकर हुआ विवाद
इसी दौरान गेंदबाज दीप्ति शर्मा ने अपना ओवर खत्म मानते हुए अंपायर से कैप मांगी और उन्हें अंपायर ने कैप दे दी। बल्लेबाजों को दूसरा रन चुराते देख हरमनप्रीत कौर ने तेजी से गेंद विकेटकीपर ऋचा घोष की तरफ फेंकी और घोष ने कोई गलती न करते हुए गेंद को लपका और केर के क्रीज के भीतर पहुंचने से पहले ही स्टम्प्स बिखेर दिए। इसके बाद केर पवेलियन की ओर जाने लगी और हरमनप्रीत कौर एंड कंपनी ने रन आउट की खुशी मनानी शुरू कर दी।
लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम का ये जश्न कुछ मिनट में ही काफूर हो गया क्योंकि फील्ड अंपायर एना हैरिस और जैकलिन विलियम्स ने इस रन आउट को नकार दिया। उन्होंने बैटर एमेलिया केर को वापस बुला लिया। दरअसल, अंपायर ने इस गेंद को डेड बॉल करार दे दिया।
डेड बॉल रूल को लेकर बखेड़ा
इसके बाद विवाद शुरू हो गया। भारतीय कोच अमोल मजूमदार भी गुस्से में नजर आए और फोर्थ अंपायर से उनकी बहस भी हो गई। इस बीच, बाउंड्री रोप के पास खड़ीं केर को वापस मैदान में बुला लिया गया। दरअसल, अंपायर का मानना था कि गेंद लॉन्ग ऑफ पर खड़ी हरमनप्रीत कौर के हाथों में थी तो उन्होंने ओवर के खत्म होने का ऐलान कर दिया था। ऐसे में गेंद डेड हो चुकी थी और ऐसे में बैटर को रन आउट नहीं दिया जा सकता है। इसके बावजूद कीवी बैटर दूसरे रन के लिए दौड़ीं और इसे लेकर ही काफी देर तक भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर की अंपायर से बहस भी हुई। हरमनप्रीत कौर ने इस फैसले को लेकर नाराजगी भी जताई।
हरमनप्रीत कौर ने फैसले पर जताई नाराजगी
खेल के बाद जेमिमा रोड्रिग्स ने कहा, "जब अंपायर ने दीप्ति को कैप दी, तब मैं वहां नहीं थी, लेकिन, मेरा मतलब है, न्यूजीलैंड को पूरा यकीन था कि यह डबल रन था और अमेलिया ने इसके लिए कोशिश की, जिससे पता चला कि ओवर अभी तक खत्म नहीं हुआ था। और हम सभी ने सोचा कि, ठीक है, हमने वह रन-आउट हासिल कर लिया। क्या होता अगर ये रन आउट नहीं होता? क्या अंपायर ने कीवी बैटर्स को दो रन दे दिए होते। इसलिए मुझे लगता है कि ये बात हमारे कंट्रोल में नहीं थी। हम अंपायर के फैसले का सम्मान करते हैं और हम इससे सहमत थे। लेकिन हां, यह थोड़ा कठोर है जब एमेलिया खुद बाहर चली गई क्योंकि उसे पता था कि वह आउट है।"
ऐसे में आपको हम बताने जा रहे हैं क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC (मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब) का डेड बॉल को लेकर क्या नियम है।
क्या है क्रिकेट का डेड बॉल रूल?
एमसीसी रूल 20.1, जोकि डेड बॉल को लेकर है। गेंद को तब डेड माना जाएगा जब बॉलर एंड वाले अंपायर को ये साफ हो जाएगा कि फील्डिंग करने वाली टीम और विकेट पर मौजूद दोनों बैटर्स ने ये मान लिया कि खेल बंद है। गेंद फाइनली सैटल ( प्लेइंग कंडीशन में) हुई है या नहीं, इसका फैसला केवल अंपायर को ही करना है। जब तक गेंद 'डेड' न हो जाए, तब तक न तो "ओवर" की घोषणा की जानी चाहिए और न ही "समय" की घोषणा की जानी चाहिए। जब गेंद डेड हो जाती है, तो गेंदबाजी छोर का अंपायर "डेड बॉल" कह सकता है और संकेत दे सकता है, यदि खिलाड़ियों को सूचित करना जरूरी हो।