Morne Morkel India's Bowling Coach: जब अपने सहयोगी स्टाफ के सेलेक्शन की बात आई तो भारत के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने उन लोगों को चुना, जिनके साथ उन्होंने करीब से काम किया था। जबकि भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ में शामिल होने के लिए कई दिग्गज रेस में थे। गंभीर ने फैसला किया कि वह अभिषेक नायर, रयान टेन डोशेट और मोर्ने मोर्कल को सहायक और गेंदबाजी कोच के रूप में चाहते हैं।
इन तीनों के साथ ही गौतम गंभीर कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटॉर रहते काम कर चुके थे। लेकिन, मोर्कल के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं है। भारत के नए गेंदबाजी कोच के लिए पूर्व दक्षिण अफ्रीकी पेसर मोर्कल ही इकलौते दावेदार नहीं थे।
मोर्कल को क्यों बॉलिंग कोच बनाया गया
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लक्ष्मीपति बालाजी, विनय कुमार जैसे पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी पारस म्हाम्ब्रे की जगह भारत का बॉलिंग कोच बनने में दिलचस्पी रखते थे, लेकिन मोर्कल बीसीसीआई की आखिरी पसंद थे। हालांकि गंभीर ने इसमें अहम भूमिका निभाई, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में मोर्कल के अच्छे प्रदर्शन ने उनके टीम इंडिया का बॉलिंग कोच बनने में मदद की।
ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड में मोर्कल का अच्छा रिकॉर्ड
बीसीसीआई के सूत्र ने पीटीआई को बताया, "क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का काम मुख्य कोच के लिए उम्मीदवारों का इंटरव्यू लेना था। जब सहयोगी स्टाफ के चयन की बात आई तो गंभीर की पसंद को प्राथमिकता दी जानी जरूरी थी। उन्होंने मोर्ने (मोर्कल) के साथ काम किया है और गेंदबाजी कोच के तौर पर उन्हें काफी पसंद करते हैं।"
मोर्कल सितंबर में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के गेंदबाजी कोच के रूप में अपना कार्यकाल शुरू कर सकते हैं। भारत के बॉलिंग कोच बनने की रेस में बालाजी और विनय कुमार जैसे बड़े भारतीय नाम भी थे, लेकिन इन दोनों में से किसी का भी रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज जैसा नहीं है। यूएई और बांग्लादेश को छोड़कर, जहां उन्होंने 86 टेस्ट मैचों में से 8 मैच खेले हैं, उनका हर जगह अच्छा रिकॉर्ड रहा है।
मोर्कल के सेलेक्शन के पीछे मुख्य जोर ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट क्रिकेट में उनकी सफलता पर था। यह देखते हुए कि भारत नवंबर में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए ऑस्ट्रेलिया जाएगा, ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों में मोर्कल की कुशलता ने उन्हें अन्य दो नामों से आगे कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ मोर्कल का इंग्लैंड में भी अच्छा रिकॉर्ड है। भारत अगर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलता है तो उसे इंग्लैंड में ही खिताबी मुकाबले में उतरना होगा और मोर्कल का अनुभव यहां टीम के काम आ सकता है।
सूत्र ने कहा, "नवंबर के आखिरी सप्ताह से भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज खेलनी है। ऐसे में गेंदबाजी कोच के लिए मोर्कल से बेहतर कोई विकल्प नहीं है, जिन्होंने खुद वहां काफी सफलता हासिल की है। इसके अलावा अगले साल इंग्लैंड का पांच टेस्ट मैचों का दौरा होगा, जिसमें भारत के WTC Final में पहुंचने की स्थिति में संभावित छठा मैच भी शामिल हो सकता है।"