WPL controversy: दिल्ली की बल्लेबाज आउट थीं या नॉट आउट? क्या कहता है रन आउट रूल, अंपायर से हुई चूक?

Womens premier league run out controversy
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WPL Run out controversy: वुमेंस प्रीमियर लीग 2025 के दूसरे मुकाबले में मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच रन आउट के तीन फैसलों ने विवाद पैदा कर दिया। हर बार निर्णय दिल्ली के हक में रहा और आखिर में जीत दिल्ली कैपिटल्स को मिली। आइए जानते हैं कि आईपीएल में रन आउट को लेकर रूल क्या कहते हैं।

WPL controversy: वुमेंस प्रीमियर लीग (WPL) 2025 के दूसरे मैच में टीवी अंपायर के फैसले विवाद का कारण बन गए। मुंबई इंडियंस की 3 रन आउट अपील पर दिल्ली कैपिटल्स के हक में फैसला आया, जिससे मैच का रोमांच कई गुना बढ़ गया और आखिर में जीत दिल्ली को नसीब हुई और अब थर्ड अंपायर के रन आउट के फैसलों पर विवाद हो रहा।

मुंबई इंडियंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.1 ओवर में 164 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली कैपिटल्स ने आखिरी गेंद पर अरुंधति रेड्डी (2 नाबाद) के विजयी रन के साथ मैच अपने नाम कर लिया। हालांकि, इस मुकाबले में टीवी अंपायर गायत्री वेणुगोपालन द्वारा लिए गए 3 रन आउट के फैसले विवाद की वजह बन गए।

रन आउट को लेकर विवाद
पहला मामला 18वें ओवर में शिखा पांडे से जुड़ा था, दूसरा 19वें ओवर में राधा यादव का और तीसरा आखिरी गेंद पर अरुंधति रेड्डी का। इन तीनों मामलों में अंपायर ने कई बार रीप्ले देखे और स्टंप्स के ब्रेक होने के समय को लेकर अलग व्याख्या की।

दिल्ली कैपिटल्स को खराब अंपायरिंग से मिली जीत
शिखा पांडे ने हेली मैथ्यूज की गेंद पर एक रन लेने की कोशिश की लेकिन सीधा थ्रो विकेट पर लग गया। रीप्ले में दिखा कि गेंद के स्टंप्स से टकराने के बाद LED लाइट जली, उस वक्त पांडे का बल्ला लाइन पर था। फिर भी उन्हें नॉट आउट दिया गया। थर्ड अंपायर का मानना था कि जब दोनों बेल्स गिरीं, तब तक बल्लेबाज का बल्ला क्रीज के अंदर था। इससे बड़ा भ्रम पैदा हुआ और मुंबई इंडियंस की कप्तान हरमनप्रीत कौर फील्ड अंपायर से बात करने गईं।

ऐसा ही एक वाकया दिल्ली की पारी के 19वें ओवर की 5वीं गेंद पर भी हुआ। मुंबई इंडियंस ने राधा यादव के खिलाफ रन आउट की अपील की। विकेटकीपर ने बेल्स गिरा दीं थीं। वीडियो में लगा कि राधा का बैट हवा में था और led lights जल चुकीं थीं। लेकिन टीवी अंपायर ने कहा कि जब दूसरी बेल गिरी, तब बैट का कुछ हिस्सा क्रीज के भीतर ही था।

ऑफिशियल प्लेइंग कंडीशन के रूल 4.2 के मुताबिक, अगर LED विकेट का इस्तेमाल किया जाता है, तो स्टंप्स के टूटने का समय वह होता है, जब पहली बार LED लाइट जलती है और बेल्स स्थायी रूप से स्टंप्स (क्लॉज 29.1) से अलग हो जाती हैं। यह नियम अंपायर के निर्णय पर सवाल खड़े करता है। क्योंकि इस नियम से साफ होता है कि पहली बार LED Lights का जलना ही विकेट गिरने का आधार होता है कि बेल्स का गिरना।

पूर्व न्यूजीलैंड कोच और आरसीबी के मेंटर माइक हेसन ने इस पर सोशल मीडिया पर रिएक्शन दिया। उन्होंने लिखा, 'यह समझ नहीं आ रहा कि अंपायर ने ज़िंगर बेल्स को मान्यता क्यों नहीं दी? जैसे ही बेल्स की लाइट जलती है, कनेक्शन टूट जाता है और विकेट गिर चुका होता है! यह नियमों में साफ लिखा है। पिछले 10 मिनट में जितना कंफ्यूजन देखा, उतना पहले कभी नहीं।"

इस विवाद ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी और फैसलों को लेकर फिर से पारदर्शिता और तकनीकी नियमों की सही व्याख्या की मांग उठ रही।

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