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Yashasvi Jaiswal: यशस्वी जायसवाल को बांग्लादेशी अंपायर शरफुद्दौला ने तकनीकी तौर पर सबूत ना होने के बाद भी आउट करार दिया। इस पर हो-हल्ला मचा है। बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जताई है।

Yashasvi Jaiswal: भारतीय ओपनर यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने मेलबर्न टेस्ट में 84 रन की जुझारू पारी खेली। वो जबतक क्रीज पर थे, तब तक ये उम्मीद थी कि भारत बॉक्सिंग डे टेस्ट को बचा लेगा लेकिन एक विवादित फैसले के कारण उनकी पारी खत्म हो गई। इस टेस्ट में थर्ड अंपायर की भूमिका निभा रहे बांग्लादेश के शरफुद्दौला सैकत (Sharafuddaula Saikat) ने फील्ड अंपायर के यशस्वी को नॉट आउट देने के बाद भी रीप्ले में स्निकोमीटर से कोई पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के बावजूद यशस्वी को आउट दे दिया। इसके बाद से इसे लेकर खूब हल्ला मच रहा। 

BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने तो यहां तक कह दिया कि थर्ड अंपायर शरफुद्दौला सैकत को टेक्नोलॉजी से जो बात दिख रही थी, उस पर यकीन करना था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) साफ तौर पर नॉट आउट थे। थर्ड अंपायर को फील्ड अंपायर का फैसला पलटने से पहले ये देखना था कि टेक्नोलॉजी जिस ओर इशारा कर रही है। थर्ड अंपायर के पास आउट देने के पर्याप्त सबूत भी नहीं थे।'

क्या है यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) से जुड़ा विवादित फैसला?
भारत की दूसरी पारी का 71वां ओवर पैट कमिंस डालने आए थे। उनके इस ओवर की 5वीं गेंद पर यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने लेग स्टम्प की लाइन के पास की गेंद को पुल करने की कोशिश की। लेकिन, गेंद उनके बल्ले पर पूरी तरह से नहीं आई और वो विकेट के पीछे चली गई। विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने गेंद को पकड़ लिया। नंगी आंखों से ऐसा लग रहा था कि जायसवाल के बल्ले या ग्लव्स से गेंद छूकर विकेटकीपर के दस्तानों में गई थी। लेकिन, फील्ड अंपायर जोएल विल्सन ने उन्हें नॉटआउट दिया। इस फैसले के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू लिया। 

टीवी रिप्ले में ये दिखा कि डिफ्लेक्शन हुआ है। लेकिन, स्निकोमीटर के ग्राफ में कोई स्पाइक नजर नहीं आया। यानी इस बात के पक्के सबूत नहीं मिले कि गेंद बल्ले या ग्लव्स से टकराकर विकेट के पीछे गई थी। लेकिन, इस मैच में थर्ड अंपायर का रोल निभा रहे बांग्लादेश के शरफुद्दौला शाहिद सैकत ने सबको चौंकाते हुए फील्ड अंपायर विल्सन के फैसले को पलटते हुए यशस्वी को आउट दे दिया। 

स्निको ने गेंद के दस्ताने या बल्ले से टकराने का कोई निर्णायक सबूत नहीं दिखाया। हालांकि शरफुद्दौला को ये कहते सुना गया, 'मैं देख सकता हूं कि गेंद दस्ताने से टकराई है। जोएल, आपको अपना निर्णय बदलने की जरूरत है।' 

गावस्कर ने भी अंपायर पर सवाल खड़े किए
यशस्वी को बांग्लादेशी अंपायर शरफुद्दौला ने तकनीकी तौर पर पक्के सबूत नहीं मिलने के बाद भी आउट करार देने पर गावस्कर भड़क गए। उन्होंने कॉमेंट्री के दौरान ही कहा,  'अगर आपको टेक्नोलॉजी पर भरोसा नहीं है तो फिर इसका इस्तेमाल ही क्यों करते हो? ये अजब मामला है कि अपनी आंखों पर भरोसा कर रहे हैं लेकिन टेक्नोलॉजी को सीधे नकार रहे। यशस्वी नॉट आउट हैं और उनको आउट करार दे दिया गया। जब फील्ड अंपायर ने नॉट आउट करार दिया है तो टीवी अंपायर के पास फैसले को पलटने के लिए पुख्ता सबूत होना चाहिए।'

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