Avani Lakhera Gold Medal: शूटर अवनि लखेरा ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वो पैरालंपिक खेलों के इतिहास में लगातार दो गोल्ड जीतने वालीं भारत की पहली महिला पैरा एथलीट बन गईं। 22 साल की अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा किया।
इससे पहले, उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था। इसी इवेंट में भारत की 36 साल की निशानेबाज मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके साथ ही पेरिस पैरालंपिक में भारत का एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज के साथ खाता खुल गया।
चेटौरॉक्स रेंज में उतार-चढ़ाव भरे फाइनल में, 22 साल की अवनि लेखरा को अपने खिताब की रक्षा के लिए सारे अनुभव और धैर्य का इस्तेमाल करना पड़ा -जो उन्होंने टोक्यो में बनाए गए अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़कर किया। उन्होंने 249.7 के स्कोर के साथ गोल्ड मेडल जीता।
दक्षिण कोरिया की ली युनरी ने 246.8 के साथ रजत पदक जीता। एक शानदार सीरीज के बाद अंतिम शॉट में वो भारत की मोना अग्रवाल से आगे निकल गईं। 36 साल की मोना अग्रवाल ने भी शानदार खेल दिखाया और फाइनल के अपने अंतिम शॉट में 10.0 का स्कोर करके ब्रॉन्ज मेडल (228.7) अपने नाम किया।
भारतीय निशानेबाजी के नजरिए से यह एक प्रभावशाली फाइनल था, जिसमें अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल एलिमिनेशन शुरू होने के बाद से ज्यादातर समय तक मेडल हासिल करने की स्थिति में थी। दोनों की शुरुआत धीमी रही और पहले 10 शॉट के बाद कोई भी शीर्ष तीन में नहीं था। लेखरा - जिनका पूरे फाइनल में केवल एक शॉट 10 से नीचे था, वह भी फाइनल सीरीज में 10 के स्कोर के साथ आगे बढ़ीं और गोल्ड पर कब्जा जमाया।
एक समय ऐसा आया, जब अवनि गोल्ड, सिल्वर की रेस से फिसलकर ब्रॉन्ज मेडल जीतती नजर आ रहीं थीं। इसी दौरान मोना अग्रवाल उनसे आगे निकल गईं थीं। दबाव के कारण उन्होंने फाइनल शॉट से पहले 9.9 का स्कोर किया था। लेकिन फाइनल शॉट में ली ने सिर्फ 6.8 का स्कोर किया और अवनि ने खुद पर काबू रखते हुए 10.5 अंक प्राप्त करके लगातार अपना दूसरा स्वर्ण पदक पक्का कर लिया।
इससे पहले क्वालीफिकेशन में लेखरा 625.8 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं - जो पुराने पैरालिंपिक रिकॉर्ड से केवल 0.2 अंक कम था, जबकि अग्रवाल 623.1 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहीं, उन्होंने सुनिश्चित किया कि वह अपने पहले फाइनल में पहुंचे। लेखरा और अग्रवाल दोनों ही इसके बाद 50 मीटर राइफल स्पर्धा में भाग लेने पर अपने पदकों में इजाफा कर सकते हैं।