नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां और आखिरी टेस्ट 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले सेलेक्शन कमेटी और भारतीय टीम मैनेजमेंट कुछ खिलाड़ियों को लेकर फैसला करना चाहता है। इसमें सबसे अहम केएल राहुल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केएल राहुल अपनी इंजरी के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेने के लिए लंदन चले गए हैं। इसी चोट के कारण वो पिछले तीनों टेस्ट नहीं खेल पाए थे। राहुल पर सेलेक्टर्स 2 मार्च तक फैसला ले सकते हैं। इसी दिन टीम इंडिया धर्मशाला जाने के लिए चंडीगढ़ में जमा होगी।
अगर केएल राहुल, जो तीसरे टेस्ट से पहले बीसीसीआई की प्रेस रिलीज के मुताबिक "90 फीसदी फिट" थे, तब तक अपनी पूरी फिटनेस हासिल नहीं कर पाते हैं, तो सेलेक्टर्स को रजत पाटीदार को टीम में रखना होगा, जोकि वो नहीं चाहते हैं।
रजत को टीम इंडिया से रिलीज किया जा सकता है
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सेलेक्टर्स रजत पाटीदार को भारतीय टेस्ट टीम से रिलीज करना चाहते हैं ताकि वह 2 मार्च को विदर्भ के खिलाफ मध्य प्रदेश के लिए रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल खेल सकें। पाटीदार अब तक मिले मौकों को भुना नहीं पाए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की 6 पारियों में उनका उच्चतम स्कोर 32 है और वह पहले ही दो बार शून्य पर आउट हो चुके हैं। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल नंबर 4 स्थान मिलने के बावजूद, जिस तरह से उन्होंने कुछ मौकों पर अपना विकेट फेंका है, उसने सेलेक्टर्स की चिंता को बढ़ा दिया है।
रजत रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल खेल सकते हैं
टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक सूत्र के हवाले से कहा, "अगर केएल राहुल समय पर अपनी फिटनेस हासिल कर लेते हैं तो टीम प्रबंधन को रजत पाटीदार को टीम में रखने का कोई मतलब नहीं दिखता। आदर्श रूप से, टीम प्रबंधन पाटीदार को रणजी सेमीफाइनल खेलने और कुछ फॉर्म हासिल करने के लिए वापस जाते देखना चाहेगा। लेकिन यह केएल राहुल की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अगर राहुल आखिरी टेस्ट के लिए अनुपलब्ध हैं तो उन्हें टीम के साथ रुकने के लिए कहा जा सकता है। भले ही देवदत्त पडिक्कल आखिरी टेस्ट में डेब्यू भी करते हैं,तो टीम प्रबंधन को कन्कशन विकल्प के रूप में टीम में एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत होगी।"
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केएल राहुल की चोट ने बढ़ाई टीम की परेशानी
कथित तौर पर नेशनल क्रिकेट एकेडमी की मेडिकल टीम को कई स्कैन और परीक्षण के बाद भी केएल राहुल के स्वास्थ्य में कुछ भी चिंताजनक नहीं मिला। लेकिन राहुल अभी भी दर्द और परेशानी की शिकायत कर रहे हैं। इसलिए बीसीसीआई ने उन्हें लंदन भेजने का फैसला लिया है। ताकि जिस डॉक्टर ने उसकी सर्जरी की थी, वो दोबारा उनकी परेशानी को जांच सके