CWG 2026: कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से पहले भारत को बड़ा झटका लगा है। 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने जिन 12 खेलों में पदक जीता था, उनमें से 6 को 2026 के Commonwealth games से हटा दिया गया है। वे खेल जिनमें भारत बर्मिंघम में पोडियम पर रहा था, लेकिन ग्लासगो खेलों से बाहर हो जाएगा, वे हैं बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, स्क्वैश, टेबल टेनिस और कुश्ती।

कुछ अन्य खेल जिनमें भारत ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीते हैं, लेकिन जो बर्मिंघम का हिस्सा नहीं थे, जैसे निशानेबाजी और तीरंदाजी, वे भी राष्ट्रमंडल खेल 2026 से बाहर हैं। सिर्फ 10 खेलों को ही शामिल किया गया है। कॉमनवेल्थ गेम्स 23 जुलाई से 2 अगस्त, 2026 तक होंगे।

ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों ने एक बयान में कहा कि खेल कार्यक्रम में एथलेटिक्स और पैरा-एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, बाउल्स और पैरा-बाउल्स, तैराकी और पैरा स्वीमिंग, रिद्मिक जिमनास्टिक, ट्रैक साइकिलिंग और पैरा-ट्रैक साइकिलिंग, नेटबॉल, भारोत्तोलन और पैरा-पावरलिफ्टिंग, जूडो, और 3×3 बास्केटबॉल और 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल शामिल होंगे। इसमें कहा गया है कि '74 राष्ट्रमंडल देशों और क्षेत्रों से लगभग 3,000 सर्वश्रेष्ठ एथलीट प्रतिस्पर्धा करेंगे।'

1966 से बैडमिंटन को CWG के हर संस्करण में खेला जाता रहा है, जबकि स्क्वैश और हॉकी 1998 से इन खेलों का हिस्सा रहे हैं। 2002 से टेबल टेनिस को हर खेल में शामिल किया गया है। 2022 CWG में, भारत ने 22 स्वर्ण सहित 61 पदक जीते थे। कुश्ती (12), मुक्केबाजी और टेबल टेनिस (7-7), बैडमिंटन (6), हॉकी और स्क्वैश (2-2) और क्रिकेट (1) ने आधे से अधिक पदक जीते - 37।

2026 Commonwealth games के स्पोर्ट्स कार्यक्रम में हुए फेरबदल से भारत की पदक तालिका पर बहुत बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि एथलेटिक्स और पैरा-एथलेटिक्स, मुक्केबाजी और भारोत्तोलन के अलावा देश में स्वर्ण पदक के लिए कोई मजबूत दावेदार नहीं है। कार्यक्रम में हुए बदलाव की बड़ी वजह अंतिम समय में ग्लास्गो को इन खेलों की मेजबानी देना भी है। पहले ये आयोजन ऑस्ट्रेलिया में होना था।