नई दिल्ली। ध्रुव जुरेल इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में भले ही 10 रन से अपना पहला टेस्ट शतक चूक गए। लेकिन, उन्होंने जो 90 रन की पारी खेली है, वो किसी शतक से कम नहीं है और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सालों तक ये पारी याद रखी जाएगी। अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे जुरेल ने जिस समझदारी से बल्लेबाजी की, उसने बेन स्टोक्स के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया और उनकी ये पारी किसी लिहाज से शतक से कम नहीं हैं और जुरेल ने दिखा दिया कि उनमें भारतीय क्रिकेट का 'ध्रुव तारा' बनने के सभी गुण मौजूद हैं।
ध्रुव जुरेल रांची टेस्ट के दूसरे दिन जब बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, तब 161 रन के स्कोर पर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट गई थी। स्कोरबोर्ड पर 177 रन जुड़ते-जुड़ते आऱ अश्विन और सरफराज खान भी पवेलियन लौट गए थे। ऐसे में भारत पर जल्दी ऑल आउट होने का खतरा मंडरा रहा था। सारी उम्मीदें अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे ध्रुव जुरेल पर टिकी थीं और जुरेल भी इन उम्मीदों पर खरा उतरे। उन्होंने दूसरे दिन ही कुलदीप यादव के साथ मिलकर 8वें विकेट के लिए 42 रन जोड़े।
Whole of India to Dhruv Jurel today 🫡 What an impressive performance both behind and in front of the wicket by Dhruv. The importance of this knock and the partnership with Kuldeep cannot over overstated. Top notch game awareness 👏🏽 #INDvENG pic.twitter.com/vyujRgRnkQ
— Wasim Jaffer (@WasimJaffer14) February 25, 2024
जुरेल ने 90 रन की शानदार पारी खेली
जब तीसरे दिन खेल की शुरुआत हुई तो टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 219 रन था। भारत अभी भी इंग्लैंड से 134 रन पीछे था। ऐसा लग रहा था कि भारत 250 रन के भीतर सिमट जाएगा। लेकिन ध्रुव जुरेल-कुलदीप यादव ने अहम साझेदारी कर भारत को मैच में बनाए रखा।
All players and whole Ranchi crowds giving standing ovation to Dhruv Jurel. pic.twitter.com/mld7tBfelD
— CricketMAN2 (@ImTanujSingh) February 25, 2024
अर्धशतक के बाद ध्रुव ने किया सैल्यूट
जुरेल ने इसी दौरान 96 गेंद में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया और इसके बाद ड्रेसिंग रूम की तरफ सैल्यूट किया। ध्रुव ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके पिता भारतीय सेना में थे और 1999 में कारगिल युद्ध लड़े थे। पिता ने जो काम सरहद पर किया था, बेटे जुरेल ने क्रिकेट मैदान पर उसे अंजाम दिया। एक-एक कर विकेट गिर रहे थे। लेकिन, ध्रुव ने संयम नहीं खोया और मौका पड़ने पर छक्के और चौके भी उड़ाए। उन्होंने 9वें विकेट के लिए आकाश दीप के साथ 75 गेंद में 40 रन की अहम साझेदारी की और भारत के स्कोर को 300 रन के पार पहुंचा दिया।
बेन स्टोक्स के अरमानों पर फिरा पानी
वो भले ही 90 रन पर आउट हो गए। लेकिन, उनकी ये पारी शतक से कम नहीं है। उनकी इस पारी के कारण ही इंग्लैंड केवल 46 रन की लीड ले पाया। अगर भारत इस टेस्ट में अब जीत हासिल करता है तो उसका श्रेय ध्रुव जुरेल को जाएगा।